नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 22,194 करोड़ रुपये की निकासी की है। कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की संभावना, डॉलर में मजबूती तथा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में शुल्क युद्ध तेज होने की आशंका के बीच एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।
इससे पहले दिसंबर माह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर अड़चनों के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में अपना निवेश घटा दिया है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय बाजारों से विदेशी कोषों की निकासी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इनमें कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका, ट्रंप प्रशासन में शुल्क युद्ध की संभावना, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में सुस्ती, ऊंची महंगाई तथा भारत में ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू होने को लेकर असमंजस शामिल है।’’
इसके अलावा भारतीय रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में उछाल और भारतीय शेयर बाजार के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से भी एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (10 जनवरी तक) अबतक शेयरों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं। दो जनवरी को छोड़कर सभी कारोबारी सत्रों में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई की लगातार बिकवाली का एकमात्र बड़ा कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है। 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल 4.6 प्रतिशत से ऊपर है, जिसकी वजह से निवेशक उभरते बाजारों से निकासी कर रहे हैं।’’
बीते साल यानी 2024 में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। वहीं 2023 में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में बड़ी राशि यानी 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे।
भाषा अजय अजय
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