आईएफएससी में विदेशी निवेशक सरकारी हरित बॉन्ड में कर सकेंगे निवेशः आरबीआई

आईएफएससी में विदेशी निवेशक सरकारी हरित बॉन्ड में कर सकेंगे निवेशः आरबीआई

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  • Publish Date - August 29, 2024 / 07:33 PM IST,
    Updated On - August 29, 2024 / 07:33 PM IST

मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में विदेशी निवेशकों को सरकारी हरित बॉन्ड में निवेश की अनुमति देने के लिए योजना शुरू की। इस पहल का मकसद विदेशी निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देना है।

सरकार ने जनवरी, 2023 में सरकारी हरित बॉन्ड (एसजीआरबी) जारी किए थे। वित्त वर्ष 2023-24 में भी सरकारी उधारी कैलेंडर के तहत एसजीआरबी जारी किए गए थे।

फिलहाल बाजार नियामक सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न मार्गों के तहत सरकारी हरित बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति है।

अप्रैल की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने एसजीआरबी में अनिवासी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत में आईएफएससी में हरित बॉन्ड के कारोबार और निपटान की योजना लाने की घोषणा की थी।

आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि आईएफएससी में पात्र विदेशी निवेशकों को ऐसे बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति दी जा रही है।

परिपत्र के मुताबिक, ‘यह योजना भारत में आईएफएससी में पात्र निवेशकों द्वारा भारत सरकार द्वारा जारी सरकारी हरित बॉन्ड में निवेश पर लागू होगी।’

निवेशक रिजर्व बैंक की प्रतिभूतियों की प्राथमिक नीलामी में भाग ले सकते हैं और आईएफएससी में प्रतिभूतियों के लिए शेयर बाजार में लेनदेन कर सकते हैं।

हालांकि आईएफएससी में सक्रिय बैंकिंग इकाई (आईबीयू) को इस योजना के तहत प्राथमिक नीलामी में भाग लेने की अनुमति नहीं है, लेकिन वे द्वितीयक बाजार में लेनदेन कर सकते हैं।

आईएफएससी द्वारा निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप निवेशकों का केवाईसी सत्यापन या समुचित पड़ताल की जाएगी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण