नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) भारत में उत्पादित हरित अमोनिया जापान को निर्यात किए जाने का पहला समझौता मंगलवार को संपन्न हुआ। सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को तीन जापानी कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज, सोजित्ज कॉरपोरेशन, क्यूशु इलेक्ट्रिक पावर कंपनी और एनवाईके लाइन के बीच संपन्न हुआ।
नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल से पानी को विभाजित कर उत्पादित हाइड्रोजन और हवा से अलग किए गए नाइट्रोजन को मिलाकर हरित अमोनिया बनाई जाती है।
समझौते में शामिल सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज भारत में हरित अमोनिया का उत्पादन करती है और इस प्रक्रिया में सौर बिजली का इस्तेमाल करती है।
जापानी कंपनी क्यूशु इलेक्ट्रिक पावर ने हरित अमोनिया को अपने ऊर्जा मिश्रण में शामिल करने की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं सोजित्ज कॉरपोरेशन अमोनिया उत्पादक और आयातक के बीच संबंध को सुगम बनाने के लिए मध्यस्थ के रूप में काम करेगी।
इसके अलावा जापानी कंपनी एनवाईके लाइन हरित अमोनिया को समुद्री मार्ग से जापान पहुंचाने की व्यवस्था संभालेगी।
इस मौके पर जोशी ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम भारत से जापान को हरित अमोनिया की आपूर्ति के लिए पहला समझौता कर रहे हैं। यह समझौता भारत में हरित अमोनिया के उत्पादन से लेकर जापान में खपत तक एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने में मदद करेगा।’’
जोशी ने कहा कि वर्तमान में 7.5 लाख टन प्रति वर्ष हरित अमोनिया के उत्पादन के लिए एक निविदा जारी की गई है। इसके साथ ही 4.5 लाख टन क्षमता के लिए अतिरिक्त निविदाएं भी जारी की गई हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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