आयात पर निर्भरता कम करने के लिए मिले वित्तीय पैकेज: इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माता

आयात पर निर्भरता कम करने के लिए मिले वित्तीय पैकेज: इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माता

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  • Publish Date - December 8, 2024 / 06:07 PM IST,
    Updated On - December 8, 2024 / 06:07 PM IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माताओं के संगठन एल्सीना ने कच्चे माल के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 72,500 करोड़ रुपये (8.57 अरब डॉलर) के सहायता पैकेज की मांग की है।

भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के सबसे पुराने उद्योग संगठन इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एल्सीना) का अनुमान है कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में इनपुट की मांग-आपूर्ति का घाटा 2030 तक बढ़कर 248 अरब डॉलर (लगभग 21 लाख करोड़ रुपये) हो जाएगा, जिससे अनुमानित 500 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन की पूर्ति होगी और इसकी पूर्ति बड़े पैमाने पर आयात से होगी।

उद्योग निकाय को उम्मीद है कि गैर-सेमीकंडक्टर घटकों के लिए सरकार का समर्थन देश में घाटे को 146 अरब डॉलर (12.36 लाख करोड़ रुपये) से घटाकर 102 अरब डॉलर (8.63 लाख करोड़ रुपये) करने में मदद कर सकता है।

एल्सीना के महासचिव राजू गोयल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि तैयार उत्पादों के विपरीत, जहां कारखाने का उत्पादन निवेश से 16 गुना तक हो सकता है, इलेक्ट्रॉनिक घटक कारखाने में निवेशित पूंजी का अधिकतम तीन गुना उत्पादन हो सकता है।

गोयल ने कहा, “कम रिटर्न, उच्च परिचालन लागत और लंबी निर्माण अवधि के कारण लोग इलेक्ट्रॉनिक घटकों में अपने निवेश का विस्तार करने में संकोच करते हैं। इसलिए हमने सरकार से 8.57 अरब डॉलर की मांग की है, जिसमें उद्योग के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 2.14 अरब डॉलर और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के रूप में 6.43 अरब डॉलर शामिल हैं।”

सरकार गैर-अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को समर्थन देने के लिए एक व्यापक पैकेज पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है।

एल्सीना ने अपने अनुमान में छोटे इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, कुछ सेमीकंडक्टर आदि को शामिल किया है।

भाषा अनुराग

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