नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) धनशोधन और आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के खिलाफ भारत के अभियान को मान्यता देने वाली संस्था एफएटीएफ की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट संतोषजनक और अनुकरणीय है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही।
वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की सिंगापुर में हुई पूर्ण बैठक के दौरान धनशोधन पर भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को स्वीकार करने के साथ ही आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ उठाए गए इसके कदमों की प्रशंसा की।
वैश्विक संस्था ने अपने बयान में कहा कि इन दोनों ही क्षेत्रों में भारत अच्छे नतीजे हासिल कर रहा है। हालांकि एफएटीएफ ने कहा कि भारत को धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के मुकदमों की सुनवाई पूरी करने में होने वाली देरी के मुद्दे से निपटने की जरूरत है।
सूत्रों ने अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था द्वारा उठाए गए मुद्दों के संबंध में कहा कि ये मूलभूत या महत्वपूर्ण खामियां नहीं हैं।
एफएटीएफ ने कहा है कि भारत अपने मानदंडों के साथ ‘तकनीकी अनुपालन’ के उच्च स्तर पर पहुंच गया है और धनशोधन एवं आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ भारत की कोशिशों के बढ़िया नतीजे आ रहे हैं।
एफएटीएफ ने कहा कि ‘गुणवत्ता एवं निरंतरता समीक्षा’ पूरी होने के बाद भारत के संबंध में अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी।
इस बीच वित्त मंत्रालय ने कहा कि एफएटीएफ पारस्परिक मूल्यांकन में भारत का प्रदर्शन बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिहाज से खासा अहम है, क्योंकि यह वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता और अखंडता को दर्शाता है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अच्छी रेटिंग से वैश्विक वित्तीय बाजारों और संस्थानों तक बेहतर पहुंच होगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। यह भारत की त्वरित भुगतान प्रणाली यूपीआई के वैश्विक विस्तार में भी मदद करेगा।’
एफएटीएफ दिशानिर्देशों के अंतर्गत भारत का पारस्परिक मूल्यांकन पिछली बार 2010 में किया गया था। इस मूल्यांकन का मकसद किसी देश की वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कानून और नीति बनाने तथा उन्हें लागू करने की क्षमता की पड़ताल करना है।
एफएटीएफ के मूल्यांकन के चौथे दौर में जी-20 समूह के 17 देशों का मूल्यांकन किया गया है जिनमें से भारत सहित केवल चार देशों को ‘नियमित तौर पर फॉलोअप’ की श्रेणी में रखा गया है। वहीं समूह के अन्य देशों को ‘अधिक फॉलोअप की श्रेणी’ में रखा गया है। एक देश को ‘निगरानी सूची’ में रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, ‘नियमित फॉलोअप’ श्रेणी से संकेत मिलता है कि भारत को अनुशंसित कार्यों पर अक्टूबर 2027 में प्रगति रिपोर्ट पेश करने की जरूरत है। वहीं ‘अधिक फॉलोअप’ श्रेणी में शामिल देशों को हर साल आगे की कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट पेश करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर भारत का प्रदर्शन अनुकरणीय और संतोषजनक है। विविधतापूर्ण देश होने के कारण इसमें सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है।’
इसके साथ ही एफएटीएफ ने कहा है कि भारत को कुछ गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक कदमों के पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन को मजबूत करने की जरूरत है। इसने कहा कि भारत को धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित मुकदमों को अंजाम तक पहुंचाने में होने वाली देरी को दूर करने की जरूरत है।
हालांकि सूत्रों ने कहा कि ये कोई मूलभूत या महत्वपूर्ण खामियां नहीं हैं।
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