नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) संसद के बजट सत्र से पहले वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अनुदान की दूसरी और अंतिम अनुपूरक मांगों को लेकर व्यय प्रस्ताव देने को कहा है।
मंत्रालय ने कार्यालय ज्ञापन में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के अंतिम बैच को संसद के आगामी सत्र में रखे जाने का प्रस्ताव है।
संसद का दो चरणों में होने वाला बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। अनुदान की अंतिम अनुपूरक मांगों को दूसरे चरण में पेश किया जाने की संभावना है।
इन मांगों के अंतर्गत आने वाले मामलों में भारत की आकस्मिक निधि से वे अग्रिम शामिल हैं, जिसकी मंजूरी दे दी गयी है।
इसके अलावा अदालत के आदेश के तहत आने वाली राशि भी इसके अंतर्गत आएगी। साथ ही उन मामलों को भी रखा जाएगा जिसे वित्त मंत्रालय ने शीतकालीन सत्र में विशेष रूप से पूरक मांगों को आगे बढ़ाने की सलाह दी है।
ज्ञापन के अनुसार, ‘‘अनुपूरक अनुदान के प्रस्तावों पर गौर करते समय, अनुदान नियंत्रण प्राधिकरण को अनिवार्य रूप से अनुदान के भीतर बचत की पहचान करनी चाहिए ताकि बढ़ी हुई पूरक मांगों को समाप्त किया जा सके और पूरक अनुदान प्राप्त करने के बाद वापस करने की स्थिति से बचा जा सके।’’
इसमें कहा गया है कि अनुदान की अनुपूरक मांगों के लिये प्रस्ताव को अतिरिक्त कोष की आवश्यकताओं के गहन मूल्यांकन के बाद पेश किया जा सकता है।
ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वीकृत संशोधित अनुमान सीमा के तहत खर्च को नियंत्रित करें।’’
अंतिम बैच में शामिल की जाने वाली पूरक मांगों को उचित ठहराने वाले प्रस्तावों को 10 फरवरी, 2023 तक वित्त मंत्रालय के बजट विभाग को भेजा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि संसद ने पिछले महीने अनुदान की पूरक मांग के पहले बैच को मंजूरी दी थी। इसके जरिये 3.25 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय की अनुमति दी गयी थी। इसमें उर्वरक सब्सिडी मद में 1.09 लाख रुपये का प्रावधान शामिल था।
भाषा रमण अजय
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