वित्तमंत्री ने कंपनियों को दी बड़ी राहत, एक साल तक कंपनियों के खिलाफ दीवालिया प्रोसेस नहीं

वित्तमंत्री ने कंपनियों को दी बड़ी राहत, एक साल तक कंपनियों के खिलाफ दीवालिया प्रोसेस नहीं

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  • Publish Date - May 17, 2020 / 09:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की डीटेल दे रही हैं, वित्त मंत्री आज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की घोषणाएं कर रही हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पिछले चार दिनों में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ के लिए कई घोषणाएं कीं।

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उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि जान है तो जहान है, देश संकट के दौर से गुजर रहा है, पीएम ने यह भी कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है, संकट का दौर नए अवसर भी खोलता है। वित्तमंत्री ने कहा मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ दिए जाएंगे, बजट में 61 हजार करोड़ रुपए मनरेगा के लिए फंड पहले ही दिया जा चुका है।

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कई बिजनेस लॉकडाउन में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, कोई भी लोन की बकाया राशि कंपनियों के पास पड़ी है और कोरोना वायरस की वजह से वह नहीं दे पा रहे हैं तो वह डिफॉल्ट में नहीं शामिल किया जाएगा, इसका फायदा MSME’s को मिलेगा, कंपनियों के लिए 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं शुरू की जाएगी, छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक स्पेशल दिवालिया प्रोसीजर लाए जाएंगे।

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दिवालिया कार्यवाही के लिए थ्रेसोल्ड लिमिट 1लाख से बढ़ाकर 1करोड़ कर दी गई है, कंपनीज एक्ट के तहत कंपनियों को डिक्रिमिनलाइजेशन का फायदा दिया जाएगा, अगर वह टेक्निकल और प्रोसीजरल नेचर में छोटी-मोटी गलतियों पर आपराधिक कार्यवाही नहीं होगी। 7 ऐसे कंपाउंडेबल ऑफेंसेस हैं जिसे अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाएगा, कंपनियों को छोटे-मोटे उल्लंघन पर आपराधिक केसों में नहीं घसीटा जाएगा, इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बल मिलेगा।

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पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी की घोषणा की जाएगी, विशेष क्षेत्रों में पब्लिक सेक्टर काम करते रहेंगे लेकिन प्राइवेट कंपनियां भी लगभग सभी सेक्टर में हिस्सा ले सकेंगीं। नोटिफाइड क्षेत्र में पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज काम करेंगे, कम से कम एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी नोटिफाई क्षेत्र में काम करेगी लेकिन इसमें प्राइवेट कंपनियों को भी अनुमति दी जाएगी। स्ट्रैटेजिक सेक्टर की घोषणा अलग से होगी जिसमें मैक्सिमम 4 पब्लिक कंपनियां काम करेंगी, पब्लिक सेक्टर कंपनियों के निजीकरण का फैसला मार्केट को देख कर लिया जाएगा।