पारंपरिक हलवा समारोह में शामिल हुई वित्त मंत्री, बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का काम शुरू

पारंपरिक हलवा समारोह में शामिल हुई वित्त मंत्री, बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का काम शुरू

  •  
  • Publish Date - July 16, 2024 / 07:49 PM IST,
    Updated On - July 16, 2024 / 07:49 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण माना जाने वाला पारंपरिक हलवा समारोह मंगलवार को हुआ। इसके साथ वित्त वर्ष 2024-25 के बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो गया है।

बजट 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा।

इस समारोह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुईं और उन्होंने परंपरा के तौर पर हलवा बांटा।

यह हर साल होने वाली समारोह है जिसमें हलवा तैयार किया जाता है और बजट की तैयारी में शामिल रहे वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसा जाता है।

यह समारोह दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में आयोजित किया जाता है। यहीं पर प्रिटिंग प्रेस है। वित्त मंत्रालय नार्थ ब्लॉक में ही स्थित है। इसमें वित्त मंत्री और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हुए।

वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए बजट तैयारी प्रक्रिया का अंतिम चरण यहां पारंपरिक हलवा समारोह के साथ शुरू हुआ।’’

इस दौरान वित्त मंत्री ने बजट प्रेस का दौरा भी किया और संबंधित अधिकारियों को शुभकामनाएं देने के अलावा तैयारियों की समीक्षा की।

पिछले तीन पूर्ण केंद्रीय बजट और अंतरिम बजट की तरह, 2024-25 का बजट भी कागज रहित यानी डिजिटल रूप में होगा।

वार्षिक वित्तीय विवरण ( जिसे बजट के रूप में जाना जाता है) अनुदान मांगें, वित्त विधेयक आदि सहित केंद्रीय बजट के सभी दस्तावेज ‘केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप’ पर उपलब्ध होंगे।

समारोह में सीतारमण के अलावा, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

दरअसल ‘हलवा’ समारोह केंद्र सरकार के बजट की तैयारी में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘अलग रखने’ की प्रक्रिया है। यानी बाहर की दुनिया से वे पूरी तरह अलग-थलग होते हैं।

ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में ही रहते हैं। जहां पूरी गोपनीयता रखी जाती है। वित्त मंत्री के लोकसभा में अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद ही वे बाहर आते हैं।

भाषा रमण अजय

अजय