फियो का सरकार से ब्याज सहायता योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का आग्रह

फियो का सरकार से ब्याज सहायता योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का आग्रह

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 04:27 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 04:27 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने मंगलवार को सरकार से इस क्षेत्र में कर्ज प्रवाह बढ़ाने के लिए ब्याज सहायता योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि देश के निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। अगस्त में निर्यात में 13 महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी और यह 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा था।

इसी महीने सरकार ने ब्याज समानीकरण/अनुदान योजना को एक महीने और बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है। इस योजना के तहत निर्यात से पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज लाभ प्रदान किया जाता है।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने यहां संवाददाताओं के कहा, “यह योजना 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। हमने इसे पांच साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है। अगर ब्याज समानीकरण योजना नहीं होगी, तो हम कुछ बाजार और कुछ ऑर्डर खो देंगे।”

यह योजना चिह्नित क्षेत्रों के निर्यातकों और सभी एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम) विनिर्माता निर्यातकों को ऐसे समय में प्रतिस्पर्धी दरों पर रुपया निर्यात ऋण प्राप्त करने में मदद करती है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मुश्किलों का सामना कर रही है। निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण के लिए ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी मिलती है।

यह योजना एक अप्रैल, 2015 को पांच साल के लिए 31 मार्च, 2020 तक लागू की गई थी। इसके बाद इसे जारी रखा गया, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एक वर्ष का विस्तार, तथा आगे भी विस्तार और निधि आवंटन शामिल है।

यह योजना निधि-सीमित है, तथा व्यक्तिगत निर्यातकों को प्रति आईईसी (आयात निर्यात कोड) के आधार पर प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये तक का लाभ दिया जाएगा।

फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि भारत में 50 प्रतिशत से अधिक उत्पादन एमएसएमई द्वारा किया जाता है, जो वित्तपोषण की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

इस बीच, फियो ने वैश्विक व्यापार में लगे छोटे और मझोले आकार के उद्यमों (एसएमई) के वित्तपोषण के लिए एक ऑनलाइन मंच ‘स्टेन’ के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौते का उद्देश्य वित्तीय समाधान उपलब्ध कराना है, जिससे नकदी संबंधी चुनौतियों का समाधान हो सके तथा वैश्विक बाजार में भारतीय व्यवसायों, विशेषकर एसएमई की प्रतिस्पर्धी क्षमता में बढ़ोतरी हो सके।

कुमार ने कहा, “इस सहयोग का उद्देश्य एसएमई को उनके परिचालन को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय अवसरों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक वित्तीय ‘माध्यम’ प्रदान करके निर्यात वृद्धि को बढ़ावा देना है।”

भाषा अनुराग अजय

अजय