नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) आतिथ्य क्षेत्र की अग्रणी संस्था एफएचआरएआई ने वित्त मंत्रालय से होटलों एवं पर्यटन से संबंधित क्षेत्रों को राष्ट्रीय ढांचागत पाइपलाइन (एनआईपी) में शामिल करने का अनुरोध किया है ताकि कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित इस क्षेत्र को सस्ता कर्ज मिल सके।
भारतीय होटल एवं रेस्तरां संगठनों के महासंघ एफएचआरएआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के पहले वित्त मंत्रालय को दिए गए सुझाव में यह मांग रखी है। महासंघ ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि होटल उद्योग को ढांचागत क्षेत्र का दर्जा देने से इसे महामारी की मार से उबरने में मदद मिलेगी।
महासंघ ने घरेलू पर्यटन के लिए विशेष कर प्रोत्साहन देने की भी मांग की है।
एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने एक बयान में कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि होटल एवं पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों को एनआईपी में सूचीबद्ध ढांचागत परियोजनाओं में शामिल किया जाए। इससे कम ब्याज दर पर अधिक भुगतान अवधि वाले ऋण का समर्थन देना संभव हो पाएगा।’’
कोहली ने कहा कि होटल व्यवसाय की पूर्णता अवधि लंबी होती है और कारोबार के शुरुआती वर्षों में काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसकी वजह से होटल आने वाले वर्षों में लाभ की आस में कारोबार करते रहते हैं। लेकिन कोविड-19 महामारी के आने से होटल एवं रेस्तरांओं का नुकसान बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार को कारोबार क्षति को अगले आठ से 12 वर्षों तक ले जाने की इजाजत देनी चाहिए।
महासंघ ने होटल उद्योग को ढांचागत क्षेत्र का दर्जा देने की भी मांग की है। फिलहाल 200 करोड़ रुपये या अधिक निवेश से निर्मित होटल को ही ढांचागत दर्जा मिला है।
भाषा
प्रेम अजय
अजय
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