नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) आर्थिक मोर्चे पर अनुकूल स्थिति और सड़कों तथा मेट्रो नेटवर्क जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ देश में मजबूत मांग के कारण रियल एस्टेट बाजार का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
संसद में शुक्रवार को पेश वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि रियल एस्टेट कानून रेरा और माल और सेवा कर (जीएसटी) ने रियल एस्टेट क्षेत्र को कई लाभ पहुंचाए हैं।
समीक्षा के अनुसार, ‘‘देश के रियल एस्टेट बाजार में आर्थिक मोर्चे पर अनुकूल स्थिति और सकारात्मक बाजार धारणा के कारण कार्यालय मांग के साथ-साथ आवासीय बिक्री मजबूत रही है।’’
इसमें कहा गया है कि मेट्रो नेटवर्क के विस्तार, सड़क नेटवर्क में वृद्धि और संपर्क व्यवस्था में सुधार के कारण न केवल महानगरों (टियर एक) और मझोले शहरों (टियर दो) में बल्कि पूरे देश में रियल एस्टेट की मांग दिख रही है।
रियल एस्टेट सलाहकारों की शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए समीक्षा कहती है कि देश में घरों की मांग 2036 तक 9.3 करोड़ इकाई तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसमें कहा गया है, ‘‘आवास की बिक्री 2024 के पहले छह महीनों में 11 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी। इस अवधि के दौरान शीर्ष आठ शहरों में कुल बिक्री में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।’’
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, यानी रेरा रियल एस्टेट क्षेत्र में कई सुधार लेकर आया है। इसमें धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा, पारदर्शिता में वृद्धि, समय पर परियोजना डिलिवरी और धन के दुरुपयोग को रोकने के उपाय समेत अन्य लाभ शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि रेरा अधिनियमन के बाद, भारत 2024 में वैश्विक रियल एस्टेट पारदर्शिता सूचकांक में 89 देशों में से 31वें स्थान पर आ गया है।
समीक्षा के अनुसार, ‘‘जीएसटी ने राज्यों में एकल एकीकृत कर प्रणाली लागू कर रियल एस्टेट लेनदेन में कराधान संरचना को सरल बनाने में मदद की है। इसने उचित बिल और दस्तावेज को प्रोत्साहित किया है। इससे कर चोरी की गुंजाइश कम हुई है।’’
इसमें यह भी कहा गया है कि रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) वाणिज्यिक क्षेत्र के सकारात्मक वृद्धि को और बढ़ावा दे रहा है।
भाषा रमण अजय
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