कारखानों के पास श्रमिकों की रिहाइशी सुविधाएं होने से विनिर्माण में तेजी आएगीः नीति आयोग

कारखानों के पास श्रमिकों की रिहाइशी सुविधाएं होने से विनिर्माण में तेजी आएगीः नीति आयोग

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 08:42 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए कारखानों के पास श्रमिकों की रिहाइशी जगहों को आवासीय इकाई के रूप में वर्गीकृत करने के साथ उनपर कम दर से संपत्ति कर, बिजली और पानी का शुल्क लगाया जाना चाहिए। नीति आयोग ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया।

सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग की रिपोर्ट ‘सेफ’ (कारखाना के नजदीक जगह) आवास- विनिर्माण वृद्धि के लिए कर्मचारी आवास’ कहती है कि इस तरह की रिहाइशी सुविधाओं के अभाव में श्रमिकों, विशेषकर महिलाओं का प्रवास बाधित होता है, जिससे विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि क्षमता सीमित हो जाती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आवासीय संपत्ति कर, बिजली और पानी के शुल्क लागू करने के लिए ‘सेफ’ आवास को अलग श्रेणी के रूप में नामित किया जाए।

रिपोर्ट में निर्दिष्ट मानदंडों (जैसे, 90 दिन के लगातार प्रवास के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये) को पूरा करने वाले आवासों पर जीएसटी छूट दिए जाने की भी मांग की गई है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बी वी आर सुब्रमण्यम ने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि पिछली बार बजट में की गई घोषणा एक बड़े सरकारी कार्यक्रम में तब्दील हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले रविवार को मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक आवासों को सामान्य आवास जितना ही महत्वपूर्ण बताया था।

सुब्रमण्यम ने कहा, ‘ऐसे में मुझे लगता है कि हम इस दिशा में कदम आगे बढ़ा रहे हैं।’

भाषा अनुराग अजय प्रेम

प्रेम