आर्थिक वृद्धि में सुस्ती के लिए बाहरी कारक जिम्मेदार: सीईए

आर्थिक वृद्धि में सुस्ती के लिए बाहरी कारक जिम्मेदार: सीईए

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 10:35 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 10:35 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि भू-राजनीतिक और नीतिगत अनिश्चितताओं के बीच वैश्वीकरण का स्वर्णिम दौर शायद खत्म हो रहा है जिसके चलते वृद्धि में सुस्ती आई है।

बजट से पहले संसद में पेश आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, आने वाले वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यह वृद्धि दर विकसित देश बनने के लिए जरूरी आठ प्रतिशत वृद्धि से बहुत कम है।

नागेश्वरन ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ”वैश्वीकरण का युग खत्म हो गया है… वैश्वीकरण की अनुकूल हवाएं अब अधिक प्रतिकूल होती जा रही हैं… निवेश के मोर्चे पर और व्यापार के मोर्चे पर भू-राजनीतिक और नीतिगत अनिश्चितता है। वृद्धि अनुमान भी इसे दर्शा रहा है।”

समीक्षा से संकेत मिलता है कि भारत की वृद्धि दर धीमी पड़ रही है, जबकि 2047 तक विकसित देश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगभग सालाना आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है।

आर्थिक सुस्ती के लिए बाहरी क्षेत्र को दोषी ठहराते हुए नागेश्वरन ने कहा, ”1980 के बाद से वैश्वीकरण का स्वर्णिम युग, जो शायद 2016 तक था, अब खत्म होने वाला है।”

हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि कुछ सकारात्मक बातें भी हो सकती हैं, जिनसे आने वाले वर्षों में अनुकूल माहौल बन सकता है।

नागेश्वरन ने कहा, ”अभी हम उतार-चढ़ाव की स्थिति में हैं। हमें अपनी योजना और वृद्धि के लिए अपने नीतिगत ढांचे में ध्यान में रखना होगा, जो इस वैश्विक वातावरण में भारत की आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा।”

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम