हस्तशिल्प और चमड़े को पीएलआई का लाभ देने से अधिक रोजगार सृजन में मदद मिलेगी: डेलॉयट

हस्तशिल्प और चमड़े को पीएलआई का लाभ देने से अधिक रोजगार सृजन में मदद मिलेगी: डेलॉयट

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  • Publish Date - January 26, 2025 / 02:18 PM IST,
    Updated On - January 26, 2025 / 02:18 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) सरकार को आगामी बजट में हस्तशिल्प और चमड़ा जैसे क्षेत्रों को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत वित्तीय लाभ प्रदान करना चाहिए, जिससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं। वित्तीय सेवा कंपनी डेलॉयट ने रविवार को यह सुझाव दिया है।

इसने कहा कि मौजूदा पीएलआई योजनाएं इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में जारी रहनी चाहिए, जिन्हें सफलता मिली है।

सरकार ने 2021 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ दूरसंचार, बड़ी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, कपड़ा, चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण, वाहन, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल बैटरी, ड्रोन और फार्मा समेत कुल 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा थी।

डेलोयट ने सुझाव दिया कि वैश्विक तरलता में सुधार करने के लिए (एक बार जब पश्चिमी केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों को आसान बनाना शुरू कर देंगे), सरकार निवेश के आकार की अधिकतम सीमा बढ़ा सकती है और अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए स्थान से संबंधित अंकुश हटा सकती है।

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, “बहु-ब्रांड रिटेल और ई-कॉमर्स कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें इससे लाभ हो सकता है।”

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक व्यापारिक निर्यात को बहाल करने की है। इसमें वित्त वर्ष 2023-24 में तीन प्रतिशत की गिरावट आई है।

साल 2030 तक 1,000 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार को एक खाका बनाना होगा।

मजूमदार ने कहा, “उम्मीद है कि सरकार जल्द ही ओमान, पेरू, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ (ईयू), चिली, दक्षिण अफ्रीकी सीमा शुल्क संघ और खाड़ी सहयोग परिषद के साथ एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) वार्ता पूरी कर लेगी।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी।

भाषा अनुराग अजय

अजय