उपकरण उद्योग ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए पीएलआई के दूसरे चरण, कर युक्तिकरण की मांग की

उपकरण उद्योग ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए पीएलआई के दूसरे चरण, कर युक्तिकरण की मांग की

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 10:54 AM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 10:54 AM IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) उपकरण एवं उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने सरकार से कंप्रेसर तथा मोटर जैसे उच्च मूल्य वाले घटकों के लिए उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दूसरा चरण लाने और करों को युक्तिसंगत बनाने का आग्रह किया है।

उद्योग निकाय ‘कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन’ (सीईएएमए) ने आयात पर शुल्क में कटौती की भी मांग की है, जिससे उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

सीईएएमए के अध्यक्ष सुनील वच्छानी ने कहा, ‘‘ हमें समय के साथ करों में कटौती करने की जरूरत है। हमें अपने शुल्क कम करने की आवश्यकता है, ताकि हमारे विनिर्माता प्रतिस्पर्धी बन सकें। हमारे पास एक बड़ा आधार है और हमें दुनिया के लिए विनिर्माण करना चाहिए।’’

उन्होंने तटीय क्षेत्रों में उत्कृष्टता के बड़े केंद्र बनाने का भी सुझाव दिया, ‘‘ जहां हम अपने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) को ‘प्लग एंड प्ले’ सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं और बड़े कॉरपोरेट को आकर्षक दरों पर जमीन की पेशकश कर सकते हैं।’’

‘प्लग एंड प्ले’ से तात्पर्य पूर्व-निर्मित औद्योगिक सुविधाओं से है जो उपयोग के लिए तैयार बुनियादी ढांचे की पेशकश करते हैं। इससे व्यवसाय तुरंत परिचालन शुरू कर सकते हैं।

सीईएएमए के 45वें वार्षिक समारोह में उन्होंने कहा कि इससे निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने एयर कंडीशनर और घरेलू इस्तेमाल की अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए घटक परिवेश बनाने में सरकार की पीएलआई योजना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

वच्छानी ने कहा, ‘‘ लगभग 66 कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया है और करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही हो चुका है। इस क्षेत्र में मूल्य संवर्धन जो पहले 18 से 20 प्रतिशत होता था, पिछले वर्ष तक करीब 60 प्रतिशत हो गया है। हमें पूरा विश्वास है कि यह लगभग 75 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।’’

योजना को सफल करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ उद्योग ने अनुरोध किया है कि हमें पीएलआई का एक और चरण शुरू करना चाहिए। खासकर कंप्रेसर और मोटर जैसे उच्च मूल्य वाले घटकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां प्रोत्साहन अनुपात के माध्यम से निवेश हमारे द्वारा शुरू किए गए अनुपात से बहुत अधिक है।’’

उन्होंने सरकार को आश्वासन दिया कि पीएलआई का दूसरा चरण लाने से अगले दो वर्षों में मूल्य संवर्धन करीब 95 प्रतिशत हो जाएगा।

कार्यक्रम में उपस्थित इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मांग पर गौर करने तथा संबंधित मंत्रालय के साथ इस पर चर्चा करने का आश्वासन दिया।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा