ईपीएफओ ने 2020- 21 के लिये ब्याज दर 8.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी

ईपीएफओ ने 2020- 21 के लिये ब्याज दर 8.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी

ईपीएफओ ने 2020- 21 के लिये ब्याज दर 8.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी
Modified Date: November 29, 2022 / 09:01 pm IST
Published Date: March 4, 2021 11:54 am IST

नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) ईपीएफओ ​​ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2020- 21 के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत पर बनाये रखने का फैसला किया। इस संगठन की योजना में पांच करोड़ से अधिक अंशधारक जुड़े हैं।

श्रम मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड ने बृहस्पतिवार को श्रीनगर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया। इससे इसके अंशधारकों को वर्ष 2020-21 के लिए अपने जमा कोष पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा।

वक्तव्य में कहा गया है कि ईपीएफओ के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की 228वीं बैठक बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर के श्रीन्रगर में श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

 ⁠

केन्द्रीय न्यासी बोर्ड के ब्याज दर के बारे में किये गये फैसले को अब वित्त मंत्रालय को भेजा जायेगा। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ईपीएफओ अंशधारकों के खातों में चालू वित्त वर्ष के लिये 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि डाल दी जायेगी।

ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर सरकार के गजेट में अधिसूचित किये जाने के बाद ईपीएफओ अपने अंशधारकों के खातों में ब्याज की रकम जमा करा देगा।

ईपीएफओ के एक ट्रस्टी के ई रघुनाथ ने पीटीआई से कहा कि भविष्य निध पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के बाद ईपीएफओ के पास करीब 300 करोड़ रुपये का अधिशेष बचेगा। यह 2019- 20 के उसके अधिशेष कोष के बराबर होगा।

वर्ष 2014 के बाद से ही ईपीएफओ अपने अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत अथवा इससे अधिक ब्याज का भुगतान कर रहा है। यह ब्याज चक्रवृद्धि ब्याज के रूप में दिया जाता है।

ईपीएफओ ने वर्ष 2015- 16 से अपने कोष में से कुछ राशि शेयरों में लगानी शुरू की। यह राशि एनएसई और बीएसई के एक्सचेंज ट्रेडिड कोषों के जरिये किया जाता है। पहले साल ईपीएफओ ने अपने कोष का पांच प्रतिशत ही इसमें निवेश किया था । यह अनुपात बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

इससे पहले वर्ष के दौरान इस तरह की अटकलें थीं कि ईपीएफओ इस वित्तवर्ष (2020-21) के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2019-20 की 8.5 प्रतिशत दर से भी कम कर सकता है। ब्याज दर में कमी का अनुमान, कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर भविष्य निधि कोष से अधिक मात्रा में धन निकासी किये जाने और सदस्यों द्वारा कम योगदान दिये जाने की वजह से लगाया जा रहा था।

ईपीएफओ ने वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमाओं पर ब्याज दर को घटाकर सात वर्ष के निचले स्तर यानी 8.5 प्रतिशत कर दिया था जबकि 2018-19 में यह 8.65 प्रतिशत थी।

ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) द्वारा 2019-20 के लिए दी गई 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी।

ईपीएफओ ने वर्ष 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया था जबकि 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। इससे पहले 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी। इसने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक था। इससे पहले ईपीएफओ ने 2011-12 में भविष्य निधि पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर


लेखक के बारे में