EPFO account holders should not share: नई दिल्ली। 6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों के लिए जरूरी सूचना है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक नियम में बदलाव किया है, जिससे नौकरीपेशा के लिए मुश्किल आ सकती है। दरअसल, अब कर्मचारी भविष्य निधि के साथ आधार को 1 जून 2021 से जोड़ना अनिवार्य हो गया है। यानी अब PF खाते के UAN को Aadhaar कार्ड से जोड़ना जरूरी होगा।
Read more: Petrol-Diesel Price: क्रूड ऑयल हुआ महंगा! जानें अपने शहर के पेट्रोल-डीजल का ताजा अपडेट
EPFO ने Social Security code 2020 के सेक्शन 142 में बदलाव किया है। इससे ECR फाइलिंग प्रोटोकॉल बदला गया है। इसकी जानकारी ट्वीट के जरिए दी गई है।
EPFO has amended ECR filing protocol and from 01.06.2021 it can be filed only with respect to Aadhaar seeded UAN's.#EPFO #SocialSecurity #HumHainNa pic.twitter.com/8KCAmRMNEC
— EPFO (@socialepfo) June 7, 2021
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की तरफ से सभी करोड़ों यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया गया है। ईपीएफओ की तरफ से सभी मेंबर से कहा गया कि कोई भी खाताधारक सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट से जुड़ी जानकारी भूलकर भी शेयर न करें। इससे अकाउंट होल्डर्स बड़ी धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। ईपीएफ खाते से जुड़ी जानकारी साइबर फ्रॉड करने वालों के हाथ लग गई तो वे आपके खाते से पैसे गायब कर सकते हैं।
ईपीएफओ की तरफ से कहा गया कि ईपीएफओ अपने सदस्य से कभी आधार, पैन, यूएएन, बैंक डिटेल आदि की जानकारी नहीं मांगता। यदि कोई आपको फोन या सोशल मीडिया पर इस तरह की जानकारी मांगे तो सावधान रहने की जरूरत है। इस तरह की जानकारी बिल्कुल भी लीक न करें। इस तरह के फर्जीवाड़े से जुड़े फोन कॉल पर जवाब न दें, ऐसे किसी मैसेज का रिप्लाई भी न करें।
EPFO account holders should not share: ईपीएफओ की तरफ से सभी यूजर्स के लिए अलर्ट जारी करते ट्वीट में लिखा गया कि ‘कभी भी सदस्यों से पर्सनल डिटेल जैसे आधार नंबर, PAN, यूएएन, बैंक खाता या ओटीपी फोन या सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए नहीं कहा जाता। ईपीएफओ ने यह भी कहा कि किसी भी सर्विस के लिए ईपीएफओ कभी भी व्हाट्सएप, सोशल मीडिया आदि के जरिये कोई राशि जमा करने के लिए नहीं कहता।’
आपको बता दें पीएफ अकाउंट में लोगों की मोटी कमाई जमा रहती है। इसे रिटायरमेंट के समय के लिए जमा किया जाता है। फ्रॉड करने वाले फिशिंग अटैक के जरिये खाते पर अटैक करते हैं। फिशिंग ऑनलाइन फ्रॉड का हिस्सा है, जिसमें जमाकर्ता को धोखा करके फंसाया जाता है। उनसे खाते से जुड़ी अहम जानकारी हासिल करके खाते से पैसा साफ कर दिया जाता है।