बढ़ती जीवन प्रत्याशा के साथ पेंशन के जरिये आय सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी: पीएफआरडीए चेयरमैन

बढ़ती जीवन प्रत्याशा के साथ पेंशन के जरिये आय सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी: पीएफआरडीए चेयरमैन

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  • Publish Date - June 25, 2024 / 06:18 PM IST,
    Updated On - June 25, 2024 / 06:18 PM IST

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने कहा है कि बढ़ती जीवन प्रत्याशा के साथ पेंशन के जरिये बुजुर्गों की आय सुरक्षा सुनिश्चित करना समय की जरूरत है।

पीएफआरडीए की ओर से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, मोहंती ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ के सहयोग से पिछले शनिवार को आयोजित एक संगोष्ठी में कहा, ‘‘वर्तमान में देश की 65 प्रतिशत आबादी 15 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में है। जनसंख्या संबंधी इस लाभ में चुनौतियां और अवसर दोनों मौजूद हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बुजुर्गों की आबादी, जो वर्तमान में 10 प्रतिशत है, 2050 तक बढ़कर 20 प्रतिशत होने का अनुमान है। साथ ही बुजुर्ग आबादी में निर्भरता की दर 2031 तक बढ़कर 20.1 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है जो 2021 में 15.7 प्रतिशत थी।’’

‘विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर पेंशनभोगी समाज’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मोहंती ने कहा, ‘‘इसके साथ जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है। 1950 में जहां जीवन प्रत्याशा 35 साल थी, वह बढ़कर 70 साल हो गयी है। अगर कोई 65 साल का है, तो औसतन 15 साल और जीने की उम्मीद की जाती है। इस वजह से बुजुर्गों और कामकाजी आयु के बीच का अनुपात बढ़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए पेंशन के माध्यम से बुजुर्गों की आय सुरक्षा सुनिश्चित करना समय की जरूरत है और इस महत्वपूर्ण बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है।’’

इस मौके पर वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने कहा कि बुजुर्ग लोगों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सक्षम बनाने के लिए नियामक के रूप में पीएफआरडीए की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इस दौरन पेंशन क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। इन मुद्दों में पर्याप्तता, दायरा, पहुंच, पेंशन कोष निवेश और आर्थिक विकास शामिल हैं।

भाषा

निहारिका रमण अजय

अजय