नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) देश की प्रमुख बिजली कंपनी एनटीपीसी की सर्वोच्च प्राथमिकता अपनी अनुषंगी इकाई एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) की क्षमता को 19 गीगावाट तक बढ़ाना है।
एनटीपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गुरदीप सिंह ने मंगलवार को यह बात कही।
एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई एनजीईएल ने मंगलवार को अपना 10,000 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पेश किया। इसके लिए कीमत का दायरा 102-108 रुपये प्रति शेयर है।
सीएमडी ने यह भी कहा कि बाजार की समग्र भावना को ध्यान में रखते हुए व्यापक परामर्श के बाद कीमत के दायरे को कम किया गया है।
एनजीईएल के लिए अपनी प्राथमिकताओं से संबंधित एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि कंपनी की क्षमता मार्च, 2027 तक 19 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक बढ़ा दी जाएगी।
एनजीईएल के परिचालन नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में 30 सितंबर, 2024 तक छह राज्यों में 3,220 मेगावाट की सौर और 100 मेगावाट की पवन परियोजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि नयी क्षमताओं को जोड़ने के लिए ‘‘हमें एक लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी।’’
उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से क्षमता बढ़ाई जाएगी। चालू वित्त वर्ष में छह गीगावाट और वित्त वर्ष 2025-26 में 11 गीगावाट का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। इसके बाद वित्त वर्ष 2026-27 तक पूरे 19 गीगावाट को चालू कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस क्षमता के लिए भूमि की उपलब्धता से संबंधित कोई मुद्दा नहीं है, इसके अलावा बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पहले ही किए जा चुके हैं और ईपीसी किया जा चुका है।
नयी परियोजनाएं गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्थापित की जाएंगी।
सौर ऊर्जा के लिए 2.6 रुपये प्रति यूनिट की दर पर पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं और पवन ऊर्जा के लिए यह दर 3.24-3.6 रुपये प्रति यूनिट के दायरे में होगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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