मुंबई, 10 दिसंबर (भाषा) देश में प्रतिभा की बढ़ती मांग के बीच स्नातकों की रोजगार काबिलियत में लगातार इजाफा हो रहा है और हाल के परीक्षण में यह 54.81 प्रतिशत पर पहुंच गई है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
स्नातकों में इस साल रोजगार काबिलियत की गणना पिछले वर्ष के वैश्विक रोजगार परीक्षण (जीईटी) से की जाती है।
व्हीबॉक्स ईटीएस इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार, पिछले परीक्षण में भारतीय स्नातकों में रोजगार काबिलियत की क्षमता 51.25 प्रतिशत थी।
इंडिया स्किल्स रिपोर्ट के मुख्य संयोजक और व्हीबॉक्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निर्मल सिंह ने कहा, ‘‘वैश्विक प्रतिभा गतिशीलता के क्षेत्र में यह दशक भारत का है। इस दशक में कौशल प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किये जाने की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता के लिए एक बड़ा अंतर लाएगा… दीर्घकालिक और आंतरिक रूप से प्रमाणित कौशल कार्यक्रम कामकाज के अवसर के लिहाज से महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश की कुशल और प्रमाणित प्रतिभा भारत को एक अनूठा लाभ प्रदान करती है।’’
यह रिपोर्ट 6.5 लाख से अधिक उम्मीदवारों के आंकड़ों पर आधारित है। इन्होंने पूरे भारत में वैश्विक रोजगार काबिलियत परीक्षण (जी.ई.टी.) में भाग लिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्नातक अब रोजगार के काबिल हैं। यह एक दशक पहले 33 प्रतिशत था।
इसमें कहा गया है कि एक दशक में 17 प्रतिशत की यह वृद्धि तेजी से विकसित हो रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने की भारत की प्रतिबद्धता को बताती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृत्रिम मेधा (एआई), क्लाउड कंप्यूटिंग और स्वचालन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत के ध्यान केंद्रित करने, पारंपरिक नौकरी भूमिकाओं को नया आकार देने और नए अवसर पैदा करने से यह बदलाव और बढ़ गया है।
भाषा रमण अजय
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