राजकोषीय मजबूती के साथ कोविड-प्रभावित क्षेत्रों को सहायता देने पर जोर: वित्त मंत्रालय

राजकोषीय मजबूती के साथ कोविड-प्रभावित क्षेत्रों को सहायता देने पर जोर: वित्त मंत्रालय

राजकोषीय मजबूती के साथ कोविड-प्रभावित क्षेत्रों को सहायता देने पर जोर: वित्त मंत्रालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: December 21, 2021 11:10 pm IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) सरकार ने राजकोषीय मजबूती को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत और वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराने को लेकर कई कदम उठाये हैं।

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कर अनुपालन में सुधार से कर राजस्व में वृद्धि, संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाकर संसाधन जुटाने, दक्षता में सुधार तथा सार्वजनिक व्यय को प्रभावी बनाने जैसे उपाय इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

बजट के संदर्भ में प्राप्तियों और व्यय को लेकर वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही की समीक्षा पर जारी बयान के अनुसार सितंबर 2021 को समाप्त अवधि में सकल कर राजस्व 11,83,808 करोड़ रुपये रहा।

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यह 2021-22 के बजटीय अनुमान 22,17,059 करोड़ रुपये का 53.4 प्रतिशत है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल कर राजस्व 7,20,896 करोड़ रुपये के मुकाबले 4,62,912 करोड़ रुपये यानी 64.21 प्रतिशत अधिक है।

बजट में 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,06,812 करोड़ रुपये अनुमानित है जो जीडीपी (2,22,87,379 करोड़ रुपये) का 6.8 प्रतिशत है।

इसमें कहा गया है कि राजकोषीय घाटा 2021-22 की पहली छमाही में 5,26,851 करोड़ रुपये रहा जो बजटीय अनुमान का करीब 35 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में राजकोषीय घाट कम रहने के साथ कर संग्रह में वृद्धि का मतलब है कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे ही सही लेकिन पटरी पर लौट रही है।

विदेशी मुद्रा भंडार के संदर्भ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 24 सितंबर, 2021 को बढ़कर 638.6 अरब डॉलर पहुंच गया जो मार्च, 2021 में 577 अरब डॉलर था।

भाषा

रमण प्रेम


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