नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि उद्योगपति एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक ने अभी तक सुरक्षा मानदंडों को पूरा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि स्टारलिंक को उपग्रह संचार सेवाओं के लिए लाइसेंस तभी जारी किया जाएगा जब कंपनी भारत में सेवाओं के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
मंत्री ने कहा कि सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदाता सभी आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें लाइसेंस मिल जाएगा।
सिंधिया ने पत्रकारों से कहा, ‘‘उन्हें (स्टारलिंक को) लाइसेंस हासिल करने के लिए सभी नियमों का पालन करना होगा। आपको इसे सुरक्षा के नजरिये से भी देखना होगा। वे ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। एक बार सभी आवश्यकताएं पूरी हो जाने पर उन्हें लाइसेंस मिल जाएगा।’’
स्टारलिंक के लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया की प्रगति पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने यह बात कही।
फिलहाल सरकार ने भारती समूह समर्थित वनवेब और जियो-एसईएस के संयुक्त उद्यम जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को लाइसेंस जारी किया है। दोनों कंपनियों ने अभी तक अपना परिचालन शुरू नहीं किया है, क्योंकि वे स्पेक्ट्रम आवंटन का इंतजार कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) 15 दिसंबर तक उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित प्रस्तावित नियमों पर अपनी सिफारिश को अंतिम रूप दे सकता है।
सरकार ट्राई की सिफारिशों का मूल्यांकन करेगी और उसके बाद उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला करेगी। इसके बाद देश में उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का रास्ता साफ हो जाएगा।
वोडाफोन आइडिया के 24,700 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी माफ करने के अनुरोध के बारे में पूछने पर सिंधिया ने कहा कि सरकार किसी खास कंपनी को ध्यान में रखकर कोई फैसला नहीं करेगी, बल्कि इस बात पर विचार करेगी कि उसके फैसले का पूरे क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा। वीआईएल में सरकार की करीब 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मंत्री ने कहा कि पिछले ढाई साल में दूरसंचार क्षेत्र को जबर्दस्त बढ़ावा मिला है।
ओवर-द-टॉप (ओटीटी) संचार ऐप – जैसे व्हाट्सएप, गूगल मीट, जूम आदि के साथ राजस्व हिस्सेदारी साझा करने के लिए दूरसंचार परिचालकों की मांग पर मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक सलाहकार समिति का गठन किया है, और बातचीत अभी शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार सबकी बात सुनकर कोई फैसला करेगी।
भाषा अजय पाण्डेय
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