आठ बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर मई में 6.3 प्रतिशत पर

आठ बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर मई में 6.3 प्रतिशत पर

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 08:05 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 08:05 PM IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) कोयला, प्राकृतिक गैस और बिजली क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से मई में देश के आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

अप्रैल में इन आठ क्षेत्रों का उत्पादन 6.7 प्रतिशत बढ़ा था।

इन प्रमुख ढांचागत क्षेत्रों की वृद्धि दर मई 2023 में 5.2 प्रतिशत थी। इन क्षेत्रों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं।

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि उर्वरक, कच्चा तेल और सीमेंट उत्पादन में मई के दौरान वृद्धि में गिरावट आई।

इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में इन ढांचागत क्षेत्रों का उत्पादन 6.5 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.9 प्रतिशत बढ़ा था।

कोयला, प्राकृतिक गैस और बिजली उत्पादन की वृद्धि दर क्रमशः 10.2 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 12.8 प्रतिशत रही। पिछले साल मई में कोयला उत्पादन में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जबकि प्राकृतिक गैस में 0.3 प्रतिशत की कमी आई थी। वहीं बिजली उत्पादन 0.8 प्रतिशत बढ़ा था।

समीक्षाधीन महीने में रिफाइनरी उत्पादों और इस्पात के उत्पादन की वृद्धि दर कम होकर क्रमश: 0.5 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही।

देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में इन आठ बुनियादी ढांचा उद्योगों का सम्मिलित रूप से योगदान 40.27 प्रतिशत है।

आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हालांकि बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर लगातार चौथे महीने छह प्रतिशत से ऊपर रही, लेकिन मई में इसमें थोड़ी गिरावट आई।

उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी और कई चरणों में हुए लोकसभा चुनाव सहित कई कारकों के कारण कुछ क्षेत्रों में संभवत: गतिविधियां और क्रियान्वयन प्रभावित हुए।

नायर ने कहा, ‘‘साथ ही इस दौरान लू चलने से बिजली की खपत बढ़ी जिससे मई 2024 में कोयले और बिजली की मांग में पिछले महीने की तुलना में वृद्धि हुई। हमें उम्मीद है कि मई 2024 में आईआईपी की वृद्धि दर चार से पांच प्रतिशत रहेगी।’’

भाषा निहारिका रमण

रमण