नई दिल्लीः Edible Oil Expensive in India महंगाई की मार से देश का हर तबका परेशान है। पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे है। लिहाजा आम आदमी का पैसा अधिक खर्च हो रहा है। महंगाई के मोर्चे पर राहत की उम्मीद कर रही जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। खाने का तेल, साबुन, चाय, कॉफी, चॉकलेट और बिस्किट जैसे फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स के दाम आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं। बीतें 6 महीने में इसकी कीमतों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। आने वाले दिनों में ये और बढ़ सकता है। ऐसे में यह आम आदमी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा।
Edible Oil Expensive in India मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो FMCG कंपनियां इस महीने से अपने प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में हैं। यह बढ़ोतरी कमोडिटी की बढ़ती लागत और सीमा शुल्क में बढ़ोतरी के कारण हो रही है। FMCG कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज कंज्यूमर, डाबर, टाटा कंज्यूमर, पारले प्रोडक्ट्स, विप्रो कंज्यूमर, मैरिको, नेस्ले और अदानी विल्मर जैसी कंपनियां शामिल है। इन कंपनियों के प्रोडक्शन लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। खाद्य तेल के आयात शुल्क में 22% की बढ़ोतरी हुई है। ऐसा अनुमान है कि साल 2025 में यह 40% तक बढ़ने का अनुमान है। यही वजह है कि अब कंपनियां दामों को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बीते अक्टूबर से मार्च 2025 के बीच चाय के दाम 25-30 फीसदी तक बढ़ा सकती है। इसमें से आधी से ज्यादा बढ़ोतरी अक्टूबर-दिसंबर में ही हो चुकी है। हाल के महीनों में नीलामी में चाय के दाम करीब 33 फीसदी बढ़ना इसकी वजह बताई गई है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर में नेस्ले ने चॉकलेट जैसे प्रोडक्ट्स के दाम 4.9 फीसदी बढ़ाए हैं। स्नैक्स कंपनी बीकाजी ने अक्टूबर-दिसंबर में करीब 2 फीसदी दाम बढ़ाए हैं।
खाद्य तेल के दाम में बढ़ोतरी का मुख्य कारण कमोडिटी की बढ़ती लागत और सीमा शुल्क में वृद्धि है। इसके अलावा, खाद्य तेल के आयात शुल्क में 22% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं।
FMCG कंपनियां, जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज कंज्यूमर, डाबर, टाटा कंज्यूमर, और अन्य, अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं, जैसे कि खाद्य तेल, साबुन, चाय, चॉकलेट, बिस्किट और अन्य फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के चाय के दाम अक्टूबर से मार्च 2025 तक 25-30 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। पिछले कुछ महीनों में चाय की नीलामी में 33% की बढ़ोतरी भी देखी गई है।
हां, खाद्य तेल, चाय, चॉकलेट, बिस्किट और स्नैक्स जैसी उत्पादों के दाम महंगाई के कारण बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि इनकी प्रोडक्शन लागत और आयात शुल्क में वृद्धि हो रही है।
महंगाई के कारण आम आदमी को रोज़मर्रा की चीजों पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से परिवारों का बजट और भी कठिन हो गया है।