नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) बजट से पहले संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा में निजी क्षेत्र के निवेश के जरिये प्रतिभा और उत्पादकता बढ़ाने के उपायों की जरूरत पर जोर दिया गया है। विशेषज्ञों ने यह बात कही।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा पेश की।
सलाहकार फर्म डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में कौशल में निजी क्षेत्र के निवेश, भौतिक एवं डिजिटल संपर्क और सरकार की क्षमता एवं सक्षमताओं के निर्माण के जरिये प्रतिभा व उत्पादकता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई, कृषि, शिक्षा और रोजगार व कौशल उन्नयन, रोजगार, आय व कौशल के जरिये आम जनता के उत्थान के लिए प्रमुख स्तंभ हैं।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में इस बात पर जोर दिया गया है कि मध्यम अवधि में वृद्धि को निजी क्षेत्र के साथ राज्य सरकारों द्वारा भी समर्थन दिए जाने की जरूरत है।
नायर ने मुद्रास्फीति के बारे में कहा, ‘मुद्रास्फीति का प्रबंधन केवल आरबीआई तथा उसके मौद्रिक नीति समिति का ही विशेषाधिकार नहीं है। खासकर खाद्य मूल्य प्रबंधन के क्षेत्र में केंद्र के सक्रिय हस्तक्षेप की जरूरत होगी।’
भाषा निहारिका प्रेम
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