आर्थिक समीक्षा में विनियमन, कारोबारी सुगमता पर जोर देना उत्साहजनक: उद्योग जगत

आर्थिक समीक्षा में विनियमन, कारोबारी सुगमता पर जोर देना उत्साहजनक: उद्योग जगत

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 07:08 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 07:08 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारतीय उद्योग जगत ने शुक्रवार को आर्थिक समीक्षा की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें वृहद आर्थिक माहौल में स्थिरता की उम्मीद है।

उद्योग जगत का मानना है कि बजट में कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया जा सकता है, ताकि लोगों के हाथों में खर्च के लिए अधिक धन आए। इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।

ज्यादातर उद्योग विशेषज्ञ समीक्षा में भारत के लिए 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान से सहमत हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि शनिवार को आने वाला आम बजट खपत और निवेश मांग को बढ़ावा देगा।

उद्योग निकाय फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह जानकर खुशी हुई कि आर्थिक समीक्षा ने विनियमन और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के एजेंडा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। समीक्षा ने इस बात का जिक्र किया है कि व्यवसायों को उनके मूल लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देना महत्वपूर्ण है। देशभर में सरकारें ऐसा करके नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा दे सकती हैं।’’

उन्होंने आगे कहा कि नियामकीय सुधारों के लिए राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है, और देश में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि समीक्षा वर्तमान आर्थिक वृद्धि का व्यापक, गहन और दूरगामी विश्लेषण करती है। उन्होंने कहा, ‘‘समीक्षा राष्ट्र निर्माण में निजी क्षेत्र की भूमिका को सही ढंग से स्वीकार करती है और चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजित करने के लिए विनियमन और कारोबारी सुगमता पर पर जोर देती है।’’

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, ‘‘हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर है। अर्थव्यवस्था असमान वैश्विक वृद्धि, वैश्विक विनिर्माण में सुस्ती, समकालिक वैश्विक मूल्य वृद्धि के जोखिम, भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार नीति जोखिमों के बावजूद जुझारू क्षमता प्रदर्शित कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि आर्थिक समीक्षा से संकेत मिलता है कि घरेलू निवेश और उत्पादन वृद्धि में कई सकारात्मक पहलू हैं।

जैन ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत बने हुए हैं, जिसमें मजबूत बाहरी खाता, संतुलित राजकोषीय समेकन और स्थिर निजी खपत शामिल है।

जुपिटर वैगंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विवेक लोहिया ने कहा कि यह हमारे आर्थिक ढांचे को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण समय है। इसके लिए बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने, नवाचार समर्थक कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने और कार्यबल के कौशल में तेजी लाने की जरूरत है।

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के श्यामा राजू ने कहा कि भारत के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में सकारात्मक वृद्धि देखकर उन्हें खुशी है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय