आर्थिक समीक्षा में कौशल, शिक्षा के लिए रणनीतिक योजना बनाने का आह्वान

आर्थिक समीक्षा में कौशल, शिक्षा के लिए रणनीतिक योजना बनाने का आह्वान

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 05:31 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 05:31 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाने तथा 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कौशल और शिक्षा के लिए रणनीतिक योजना आवश्यक है।

संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में सीखने से लेकर नौकरी बाजार तक सुचारू पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक व्यावसायिक प्रशिक्षण की वकालत की गई।

समीक्षा में कहा गया, मजबूत भविष्य की रूपरेखा में उद्योग-अकादमिक भागीदारी, सतत कौशल विकास और लचीले शिक्षण मॉडल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल का निर्माण किया जा सके। मजबूत कौशल परिवेश के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने और रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

इसमें कहा गया कि कौशल परिदृश्य में एक प्रमुख चुनौती कुशल श्रमिकों की व्यापक कमी है जो शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर शैक्षिक परिणामों की गुणवत्ता के कारण है।

समीक्षा में कहा गया, ‘‘ कार्यबल में कम शैक्षणिक कौशल उनकी योग्यता और नौकरी बाजार की मांग के बीच अंतर पैदा करते हैं। इसके कारण 53 प्रतिशत से अधिक स्नातक और 36 प्रतिशत स्नातकोत्तर अपनी शैक्षिक योग्यता से कम पद पर काम कर रहे हैं।’

इसमें सुझाव दिया गया कि कौशल विकास तथा रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने वाली लक्षित योजनाएं कौशल अंतर को पाटने और सही प्रोत्साहन के जरिये रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं।

इसमें कहा गया कि कौशल विकास कार्यक्रमों को उद्योग की जरूरतों के साथ जोड़ने से तथा महिलाओं व लड़कियों पर केंद्रित दीर्घकालिक रणनीति अपनाने से वे उभरते रोजगार अवसरों के लिए तैयार होंगी। यह भारत को उनके जनसांख्यिकीय लाभांश का प्रभावी ढंग से फायदा उठाने में मदद करेगा।

इसमें लैंगिक समानता हासिल करने और समावेश आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर जोर देते हुए श्रम बाजार को नया आकार देने का भी आह्वान किया गया है।

भाषा अनुराग निहारिका

निहारिका