रक्षा प्रौद्योगिकी उत्पादों के दोहरे उपयोग से एमएसएमई नई ऊंचाईयों पर पहुंचेंगे: अधिकारी

रक्षा प्रौद्योगिकी उत्पादों के दोहरे उपयोग से एमएसएमई नई ऊंचाईयों पर पहुंचेंगे: अधिकारी

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  • Publish Date - August 26, 2021 / 03:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

Raksha Mantralaya latest news

नयी दिल्ली 25 अगस्त (भाषा) रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा विकसित रक्षा प्रौद्योगिकी उत्पादों के दोहरे उपयोग से इस क्षेत्र को नई ऊंचाई पर पहुंचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि रात में देख सकने वाले चश्मे जैसी विभिन्न तकनीकों का नागरिकों समेत सैन्य उपयोग भी हो सकता है। दोनों बाजारों में ऐसी तकनीकों को बेचने वाले एमएसएमई अधिक आय अर्जित करते सकते हैं।

रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (रक्षा उत्पादन) संजय जाजू ने एसोचैम के एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विविधता का उत्पाद है। विविधता का अर्थ है सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच विविधता। बड़े और छोटे कारोबारियों के बीच विविधता। क्षेत्रों, अनुभव, योग्यता और क्षमताओं की विविधता।’’

अधिकारी ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र तब विकसित किया जा सकता है जब एक दूसरे से मिलते हैं और यह मुलाकात तब होती है जब दोनों पक्ष एक दूसरे की प्रशंसा करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सबकी एक ख़ास खूबी होती है। उभरते सितारों के रूप में एमएसएमई की भूमिका हमारे रक्षा और सैन्य औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में बहुत महत्वपूर्ण है।’’

रक्षा क्षेत्र को भारत सरकार काफी महत्व दे रही है जिससे यह क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों को कई गुणा बढ़ाने में सहायक हो रहा है।

भाषा जतिन

महाबीर

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