डीपीआईआईटी छोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को कर रहा काम

डीपीआईआईटी छोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को कर रहा काम

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  • Publish Date - September 28, 2024 / 07:47 PM IST,
    Updated On - September 28, 2024 / 07:47 PM IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने शनिवार को कहा कि वह कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए विभिन्न विभागों के लगभग 100 नियमों और कानूनों पर काम कर रहा है।

यह कदम जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण लाने का हिस्सा है।

जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, को पिछले साल लागू किया गया। इसका मकसद 42 केंद्रीय अधिनियमों में हल्के अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना था। इसके तहत 19 मंत्रालयों/विभागों में 183 आपराधिक प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया।

जन विश्वास विधेयक की समीक्षा करने वाली संसद की संयुक्त समिति ने इस पहल को आगे बढ़ाने की सिफारिश की है। इसका मकसद देश के नियामक ढांचे को निरंतर आधुनिक रूप देना है।

जन विश्वास अधिनियम के पहले संस्करण में मामूली तकनीकी और प्रक्रिया से जुड़ी खामियों के लिए जुर्माना और प्रशासनिक कार्रवाई के उपाय किये गये। इससे आपराधिक दंड का भय कम हुआ और देश में कारोबारी सुगमता बढ़ी।

बयान के अनुसार, ‘‘डीपीआईआईटी व्यापार करने को और सुगम बनाने के लिए जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण लाने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के लगभग 100 नियमों और कानूनों पर काम कर रहा है।’’

भाषा रमण अनुराग

अनुराग