डीपीआईआईटी एफडीआई प्रस्तावों की मंजूरी के लिए सरकारी एजेंसियों, विभागों के लिए सख्त समयसीमा बनाएगा

डीपीआईआईटी एफडीआई प्रस्तावों की मंजूरी के लिए सरकारी एजेंसियों, विभागों के लिए सख्त समयसीमा बनाएगा

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  • Publish Date - July 24, 2024 / 01:40 PM IST,
    Updated On - July 24, 2024 / 01:40 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) प्राथमिकता वाले क्षेत्रों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों तथा विभागों के लिए सख्त समयसीमा तय करेगा। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डीपीआईआईटी सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि हालांकि इन मंजूरियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है। फिर भी इसमें देरी हो रही है क्योंकि एसओपी का पालन नहीं किया जा रहा है।

बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाने तथा प्राथमिकता निर्धारण को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई और विदेशी निवेश के नियमों व विनियमों को सरल बनाने संबंधी घोषणाओं पर उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी।

सचिव ने कहा कि संबंधित मंत्रालयों तथा विभागों को आवेदनों को प्राथमिकता देने और अनुमोदन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा जाएगा।

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मंजूरी तथा अनुमोदन की प्रक्रिया को छोटा करने का विचार है। हमने अभी तक उन क्षेत्रों के बारे में निर्णय नहीं किया है जहां कुछ उदारीकरण संभव है, लेकिन निश्चित रूप से सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि जिन प्रक्रियाओं में सरकारी मार्ग शामिल हैं जो कि डीपीआईआईटी तथा संबंधित मंत्रालयों के जरिये पूरी की जाती हैं, वहां मंजूरी प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है।’’

एफआईपीबी को समाप्त करने के बाद एफडीआई नीति और फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) विनियमों के तहत विदेशी निवेश के लिए सरकारी अनुमोदन प्रदान करने का कार्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों को सौंप दिया गया।

सरकार ने मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024-25 में विदेशी निवेश को सुगम बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से संबंधित नियमों एवं विनियमों को सरल बनाने की घोषणा की थी।

यह घोषणा इस लिहाज से अहम है कि हाल के समय में भारत में आने वाले एफडीआई में गिरावट दर्ज की गई है। सेवाओं, कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन एवं दवा जैसे क्षेत्रों में कम निवेश के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 3.49 प्रतिशत घटकर 44.42 अरब डॉलर रह गया है।

भाषा निहारिका

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