नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) दिवाला कानून और कराधान संहिता जैसे नीतिगत बदलावों तथा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) की वजह से भारत वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के वित्तीय और मौद्रिक प्रणाली केंद्र के प्रमुख मैथ्यू ब्लेक ने पीटीआई-भाषा से एक वीडियो साक्षात्कार में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में एक है और निवेशकों ने यहां पैसा बनाया है।
ब्लेक ने यह भी जोड़ा कि बाजार हमेशा एक दिशा में नहीं चलते हैं, और यहां उतार-चढ़ाव की संभावना रहती है, इसलिए निवेशकों को शिक्षित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘अलग-अलग नीतिगत विकल्पों की वजह से भारत काफी आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है। तकनीकी नजरिये से एक सक्षम वातावरण बनाने वाले डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के साथ ही आपके पास दिवाला कानून और कराधान संहिता भी हैं।’’
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूईएफ और कैम्ब्रिज सेंटर फॉर अल्टरनेटिव फाइनेंस के फिनटेक सीईओ सर्वेक्षण से पता चला है कि 70 प्रतिशत कंपनियां एआई को एक बड़ी ताकत मानती हैं।
ब्लेक ने क्षेत्रीय नियामकों से कहा कि जोखिम प्रबंधन के संदर्भ में एआई मददगार हो सकता है और उन्हें प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलावों के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है।
भाषा अजय पाण्डेय
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