नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो मामले में डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) को अपने बैंक खाते एवं सावधि जमा में मौजूद कोष का ब्योरा देने का सोमवार को निर्देश दिया।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी कंपनी की तरफ से दायर याचिका में 4,600 करोड़ रुपये के मध्यस्थता अधिनिर्णय के अनुपालन का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। रिलायंस की कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) ने डीएमआरसी से इस राशि के भुगतान की मांग की है।
इस याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने डीएमआरसी को वर्ष 2020-21 के बहीखाते की भी जानकारी देने का निर्देश दिया। उन्होंने दोनों पक्षों को लिखित वक्तव्य जमा करने का निर्देश देते हुए 17 फरवरी को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की।
मध्यस्थता अधिकरण ने मई 2017 को डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला देते हुए डीएमआरसी को उसे भुगतान करने को कहा था। इसके साथ ही अधिकरण ने डीएएमईपीएल के उस दावे को भी स्वीकार कर लिया था कि सुरक्षा खामियों की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन का परिचालन कर पाना संभव नहीं रह गया है।
डीएमआरसी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पराग पी त्रिपाठी ने कहा कि फैसले के तहत देय रकम को लेकर विवाद हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत में किए गए 1,000 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद डीएमआरसी पर सिर्फ 3,305 करोड़ रुपये की ही देनदारी बाकी रह जाती है। हालांकि डीएएमईपीएल 6,305 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग कर रही है।
भाषा प्रेम रमण
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