हैदराबाद, दो दिसंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) को उम्मीद है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1000 करोड़ रुपये के उद्यम पूंजी कोष से पहला वितरण अगले वित्त वर्ष (2025-26) की पहली तिमाही के दौरान किया जाएगा। इन-स्पेस के चेयरमैन पवन गोयनका ने सोमवार को यह बात कही।
जियोस्मार्ट इंडिया-2024 के मौके पर गोयनका ने कहा कि इन-स्पेस ने हाल ही में कोष प्रबंधकों की नियुक्ति के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) जारी किया है।
गोयनका ने कहा, “हमें उद्यम पूंजी कोष बनाने की प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह (बाजार नियामक) सेबी की प्रक्रिया है। अभी हम कोष प्रबंधक कौन होगा, इसका चयन करने की प्रक्रिया में हैं। हमने पहले ही एक आरएफपी जारी कर दिया है। फिर हम कोष प्रबंधक का चयन करेंगे। यह कहना मुश्किल है कि पहला वितरण कब किया जाएगा। लेकिन हमारा पहला वितरण अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हो सकता है।”
अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्ट-अप की मदद के लिए 1,000 करोड़ रुपये के उद्यम पूंजी कोष की स्थापना को मंजूरी दी थी। इस कोष से इस क्षेत्र के लगभग 40 स्टार्टअप को मदद मिलने की उम्मीद है और इससे निजी अंतरिक्ष उद्योग की वृद्धि में तेजी आएगी।
प्रस्तावित अंतरिक्ष कानून पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि अभी यह मसौदा रूप में है और कुछ महीनों में सार्वजनिक परामर्श के बाद इसे सामने लाया जाएगा।
इससे पहले चौथे भारत-अमेरिका अंतरिक्ष एवं भू-स्थानिक व्यापार शिखर सम्मेलन में गोयनका ने कहा कि अंतरिक्ष के लिए डेटा आउटपुट है, जबकि भू-स्थानिक के लिए डेटा आधार है।
गोयनका ने कहा, “हमारे पास अगले दशक तक चंद्रयान मिशन चार, पांच और छह के प्रक्षेपण की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। हमारा लक्ष्य 2035 तक अंतरिक्ष क्षेत्र में 44 अरब डॉलर के महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करना है।”
जियोस्पेशल वर्ल्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय कुमार ने भारत के संपन्न भूस्थानिक क्षेत्र का उल्लेख किया, जिसका मूल्य 1.92 अरब डॉलर है। यह किफायती भूस्थानिक सेवाओं के लिए वैश्विक केंद्र है।
सम्मेलन में सरकार, उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान के दिग्गजों को नवाचार, आर्थिक वृद्धि और स्थिरता के लिए भू-स्थानिक और अंतरिक्ष क्षेत्रों की क्षमता का पता लगाने और उसके विकास के लिए एक साथ लाने का प्रयास किया गया।
भाषा अनुराग रमण
रमण