नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद बढ़ने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने यह भी कहा कि द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य महत्वपूर्ण नहीं है और कनाडाई फंड सिंगापुर, यूएई और अमेरिका के माध्यम से अपना निवेश कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा, ”भारत एक पसंदीदा निवेश गंतव्य है।” कनाडा भारत के लिए दाल का एक प्राथमिक स्रोत है और अब यह ऑस्ट्रेलिया से आ सकती है।
उन्होंने कहा कि भारतीय छात्रों और पेशेवरों के पास भी विभिन्न देशों में बड़े अवसर होंगे।
भारत और कनाडा के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में थोड़ा बढ़कर 8.4 अरब डॉलर हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यह 8.3 अरब डॉलर था।
कनाडा से भारत का आयात बढ़कर 4.6 अरब डॉलर हो गया, जबकि निर्यात में मामूली गिरावट आई और यह 3.8 अरब डॉलर रह गया।
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने भी कहा कि भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव का अब तक दोनों देशों के बीच वस्तुओं के द्विपक्षीय व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है।
जीटीआरआई ने हालांकि कहा कि अगर यह विवाद लंबा खिंचता जाएगा, तो दोनों देशों को आर्थिक गिरावट से बचने के लिए सावधानीपूर्वक कदम बढ़ाने होंगे।
भारत ने सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और सिख चरमपंथी निज्जर की हत्या की जांच से अपने राजनयिक को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को खारिज करने के बाद वहां से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की थी।
भाषा पाण्डेय रमण
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