चालू वित्त वर्ष में हीरा कारोबारियों के राजस्व में 25-27 प्रतिशत गिरावट का अनुमान

चालू वित्त वर्ष में हीरा कारोबारियों के राजस्व में 25-27 प्रतिशत गिरावट का अनुमान

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  • Publish Date - September 25, 2024 / 06:10 PM IST,
    Updated On - September 25, 2024 / 06:10 PM IST

मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) प्रमुख बाजारों में कम मांग और उपभोक्ताओं द्वारा प्रयोगशला में बनाये गए हीरों को प्राथमिकता देने की वजह से भारत के प्राकृतिक हीरा पॉलिशिंग उद्योग के राजस्व में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 25-27 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में इस उद्योग का राजस्व घटकर एक दशक के निचले स्तर 12 अरब डॉलर पर आ सकता है।

क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजस्व में गिरावट मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के प्रमुख निर्यात बाजारों में मांग में कमी, अधिक आपूर्ति के बीच हीरे की कीमतों में 10-15 प्रतिशत की गिरावट और प्रयोगशला में बनाये गए हीरों (एलजीडी) के प्रति उपभोक्ता की पसंद में बदलाव के कारण हुई है।

इसमें कहा गया है कि लगातार तीसरे वित्त वर्ष में गिरावट के साथ, प्राकृतिक हीरा पॉलिशिंग उद्योग के राजस्व में इस वित्त वर्ष में साल-दर-साल आधार पर 25-27 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।

पिछले वित्त वर्ष में उद्योग के राजस्व में 29 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022-23 में नौ प्रतिशत की गिरावट आई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमतों में गिरावट के बीच मांग में कमी के कारण हीरा पॉलिश करने वालों ने कच्चे हीरे की खरीद सीमित कर दी है और विनिर्माण पर अंकुश लगा दिया है।

बदले में, खनिकों ने उत्पादन में कटौती की है जिससे कच्चे और पॉलिश किए गए प्राकृतिक हीरे की कीमतों में गिरावट को रोकने में मदद मिली है।

नतीजतन, वित्त वर्ष 2024-25 में परिचालन मार्जिन 4.5-4.7 प्रतिशत पर स्थिर हो जाएगा।

दूसरी ओर, रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में सोने के आभूषणों के लिए प्राथमिकता बढ़ रही है, जो भारत के निर्यात का 28 प्रतिशत है, क्योंकि आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने को बेहतर लाभ प्रदान करने वाली एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में माना जाता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय