डीएचएफएल-यस बैंक मामला: सीबीआई का मुंबई, पुणे में बिल्डरों के परिसरों में तलाशी अभियान

डीएचएफएल-यस बैंक मामला: सीबीआई का मुंबई, पुणे में बिल्डरों के परिसरों में तलाशी अभियान

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  • Publish Date - April 30, 2022 / 01:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने डीएचएफएल-यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में मुंबई और पुणे में अश्विनी भोंसले, शाहिद बलवा और विनोद गोयनका समेत कुछ चर्चित बिल्डरों से संबंधित आठ परिसरों पर शनिवार को तलाशी अभियान चलाया।

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि जांच एजेंसी को ऐसा अंदेशा है कि यस बैंक-डीएचएफएल ऋण मामले में शामिल अवैध धन को खपाने के लिए इन कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।

बलवा और गोयनका को सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी बनाया था लेकिन 2018 में विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।

इसके बाद 2020 में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, डीएचएफएल के कपिल वधावन एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में भी सीबीआई ने उनकी भूमिका पर गौर किया।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मुंबई और पुणे में आठ स्थानों पर तलाशी चल रही है। जिन लोगों के यहां यह कार्रवाई चल रही है उनकी भूमिका के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।’’ इस मामले में सीबीआई ने रेडियस डेवलपर्स के संजय छाबड़िया को हाल ही में गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कपूर ने यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय मदद देने के लिए वधावन के साथ आपराधिक साजिश रची, इसके बदले में कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को गैरकानूनी लाभ पहुंचाया गया।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला 2018 में अप्रैल से जून के बीच शुरू हुआ जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पावधि ऋणपत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके बदले में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिजनों को 600 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। यह राशि डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्रा.लि. को कर्ज के रूप में दी गई।

इसमें कहा गया है कि कपूर की बेटियों- रोशनी, राधा और राखी की डीओआईटी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है।

भाषा मानसी प्रेम

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