डीजीटीआर ने सात देशों से आने वाले ‘पीवीसी रेजिन’ पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की मंजूरी दी

डीजीटीआर ने सात देशों से आने वाले ‘पीवीसी रेजिन’ पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की मंजूरी दी

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  • Publish Date - November 5, 2024 / 11:19 AM IST,
    Updated On - November 5, 2024 / 11:19 AM IST

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर ने घरेलू उत्पादकों को संरक्षण देने के मकसद से चीन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया सहित सात देशों से ‘पीवीसी रेजिन’ के आयात पर 339 डॉलर प्रति टन तक डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है।

व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने निष्कर्ष निकाला है कि ‘पीवीसी सस्पेंशन रेजिन’ को भारत में सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया गया जिसके परिणामस्वरूप डंपिंग हुई है।

निदेशालय की अधिसूचना में कहा गया है कि इन देशों… चीन, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, ताइवान, थाईलैंड और अमेरिका से आयात के कारण घरेलू उद्योग को भारी नुकसान हुआ है।

इसमें कहा गया, ‘‘ तदनुसार प्राधिकरण आयात पर अस्थायी डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। ’’

अनुशंसित शुल्क 25 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से लेकर 339 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के बीच है। शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।

डीजीटीआर ने डीसीएम श्रीराम और डीसीडब्ल्यू लिमिटेड सहित घरेलू कंपनियों से मिले आवेदनों के बाद जांच की थी।

इन ‘रेजिन’ का इस्तेमाल आमतौर पर विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जिनमें पाइप व फिटिंग, फिल्म और शीट, बोतलें, तार और केबल शामिल हैं।

डंपिंग रोधी जांच विभिन्न देशों द्वारा यह पता लगाने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान तो नहीं पहुंचा है।

जवाबी कार्रवाई के तौर पर वे जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत ये शुल्क लगाते हैं। इस शुल्क का मकसद निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना तथा विदेशी उत्पादकों व निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों को समान अवसर उपलब्ध कराना है।

भारत ने चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा रखा है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा