एमएसपी में वृद्धि के बावजूद अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव स्थिर

एमएसपी में वृद्धि के बावजूद अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव स्थिर

एमएसपी में वृद्धि के बावजूद अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव स्थिर
Modified Date: June 20, 2024 / 09:10 pm IST
Published Date: June 20, 2024 9:10 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) विदेशी बाजारों में सुधार के रुख के बीच सरकार द्वारा देश में खरीफ तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में पर्याप्त वृद्धि किये जाने का कपास और सोयाबीन तिलहन के दाम में आई वृद्धि को छोड़कर बाकी तेल-तिलहनों की कीमत पर कोई खास असर नहीं दिखा। अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव बुधवार के मुकाबले बृहस्पतिवार को पूर्ववत बने रहे।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में मजबूती का रुख है।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन तिलहन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सरकार ने पहले के 4,600 रुपये क्विंटल के मुकाबले बढ़ाकर 4,892 रुपये क्विंटल कर दिया है। पहले से ही मध्य प्रदेश में सोयाबीन तिलहन एमएसपी दाम से नीचे दाम लगभग 4,500 रुपये क्विंटल के भाव बिक रहा था वह आज लगभग 4,515 रुपये क्विंटल हुआ है। इसी प्रकार महाराष्ट्र की मंडियों में जो भाव पहले लगभग 4,400 रुपये क्विंटल था वह भाव आज लगभग 4,450 रुपये क्विंटल रहा। यानी एमएसपी बढ़ाने के बावजूद आज के बढ़े हुए दाम, पिछले साल के 4,600 रुपये क्विंटल के एमएसपी से कम ही हैं।

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सूत्रों ने कहा कि जब महाराष्ट्र में पहले के एमएसपी से सोयाबीन तिलहन 2-3 प्रतिशत नीचे दाम पर बिक रहा है तो इस साल एमएसपी में लगभग 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का क्या फायदा होगा? प्रमुख खाद्य तेल संगठन ‘सोपा’ ने भी एमएसपी वृद्धि से किसी फायदे की बात से इनकार किया है और कहा है कि सरकार किसानों से खाद्यान्नों की तरह उनकी पूरी तिलहन उपज खरीदे और भारत को सस्ते आयातित खाद्य तेलों का ‘डंपिंग ग्राउंड’ न बनने दे।

सूत्रों ने कहा कि पहले के एमएसपी पर ही सोयाबीन बाजार में खप नहीं रहा है तो इस साल एमएसपी में वृद्धि के बाद यह कैसे खपेगा यह एक पहेली के समान है।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के अलावा बिनौले का स्टॉक खत्म होने की वजह से बिनौला तेल एवं खल में मामूली सुधार है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कारोबारियों ने आज महाराष्ट्र से बिनौले की खरीद की है क्योंकि इन राज्यों में कपास की आवक बिल्कुल नगण्य है। इस वजह से कपास और बिनौला तेल एवं खल के दाम में सुधार है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,000-6,060 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,875-1,975 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,875-2,000 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,875 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,775 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,275 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,875 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,925 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,715-4,735 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,525-4,645 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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