मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाजार नियामक अधिक-से-अधिक भारतीयों को बाजार दायरे में लाना को इच्छुक है, ताकि वे धन सृजन के अवसर का लाभ उठा सके।
बुच ने कहा कि सेबी अधिक-से-अधिक लोगों को सेवा देने पर ध्यान देने के साथ कई कदम उठा रहा है। कृत्रिम मेधा (एआई) उन उपायों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने सेबी के एक कार्यक्रम को डिजिटल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक ‘बहुत बड़ा अवसर’ है। सभी लोगों के लिए लाभ के मकसद से आवश्यक तकनीकी उत्पादों को एक बड़े परिवेश के हिस्से के रूप में रखा गया है।
बुच ने कहा, ‘‘… कोई प्रणाली भले ही कुशल है, लेकिन अगर विशिष्ट है, तो वह राष्ट्र की सेवा नहीं करती है। हम चाहते हैं कि हमारा बाजार परिवेश समावेशी हो। देश के अधिक से अधिक लोग इसके दायरे में आयें और उन्हें देश के लिए धन सृजन का अवसर मिले।’’
उन्होंने कहा कि सेबी कई उपायों को क्रियान्वित कर रहा है। इसमें कृत्रिम मेधा ‘नायक’ की भूमिका निभा रहा है।
बुच ने कहा, ‘‘मेरे लिए, केवल यह महत्वपूर्ण नहीं है कि प्रौद्योगिकी के मामले में एआई कितना शक्तिशाली है और यह क्या कर सकता है, बल्कि तथ्य यह है कि यह एक संगठन के भीतर प्रौद्योगिकी के उपयोग करने की क्षमता को बेहद लोकतांत्रिक बना रहा है।’’ उन्होंने प्रौद्योगिकी को जादू की छड़ी बताया।
उसी कार्यक्रम में इन्फोसिस चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि सेबी तीन महीने की लक्षित समयसीमा के भीतर प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश दस्तावेजों को मंजूरी देने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करने के लिए एआई का उपयोग कर रहा है।
भाषा रमण अजय
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