नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड-आरटीए को डिफॉल्ट रूप में ईमेल के जरिये समेकित खाता विवरण (सीएएस) भेजना होगा।
बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि अनिवार्य रूप से ऐसा करना होगा। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नया ढांचा एक अप्रैल से लागू होगा।
समेकित खाता विवरण (सीएएस) एक एकल या संयुक्त खाता विवरण है, जिसमें एक महीने के दौरान सभी म्यूचुअल फंड और डीमैट (डीमैट) तरीके से रखी गई अन्य प्रतिभूतियों में निवेशक के वित्तीय लेनदेन का विवरण रहता है।
सीएएस को डिपॉजिटरी (एनएसडीएल या सीडीएसएल) द्वारा निवेशकों को भेजा जाता है, जो आरटीए और डिपॉजिटरी में पैन समान होने पर म्यूचुअल फंड फोलियो और डिपॉजिटरी खातों दोनों में वित्तीय लेनदेन का विवरण देता है।
म्यूचुअल फंड फोलियो के मामले में, जहां आरटीए (रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट) और डिपॉजिटरी के बीच कोई साझा पैन नहीं है, म्यूचुअल फंड को सीएसएस भेजना होता है, जिसमें केवल म्यूचुअल फंड लेनदेन शामिल होते हैं।
सेबी ने अपने परिपत्र में कहा कि सीएएस उन सभी निवेशकों को ईमेल द्वारा भेजा जाएगा, जिनके ईमेल पते डिपॉजिटरी और एएमसी या एमएफ-आरटीए के साथ पंजीकृत हैं।
हालांकि, जहां कोई निवेशक ईमेल के जरिये सीएएस नहीं लेना चाहता है, तो उसको इसे भौतिक रूप में लेने का विकल्प दिया जाएगा।
भाषा पाण्डेय अजय
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