नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) डाक विभाग ने डिजिपिन ब्रांड नाम के तहत राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड का बीटा संस्करण जारी किया है। इसका उपयोग पतों की भौगोलिक स्थिति को बनाने और समझने के लिए किया जा सकता है। बीटा संस्करण को जनता की प्रतिक्रिया जानने के लिए जारी किया गया है।
विभाग ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड विकसित किया है, जिसे डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (डिजीपिन) नाम दिया गया है।
सोमवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, “डाक विभाग भारत में एक मानकीकृत, जियो-कोडेड एड्रेसिंग सिस्टम (पता तंत्र) स्थापित करने की पहल को आगे बढ़ा रहा है, ताकि सार्वजनिक और निजी सेवाओं की नागरिक-केंद्रित डिलीवरी (आपूर्ति) के लिए सरलीकृत पता समाधान सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में, विभाग ने डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (डिजीपिन) नामक एक राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड विकसित करने के लिए आईआईटी-हैदराबाद के साथ समझौता किया था।”
डिजीपिन को पूर्णतः सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है, तथा इसका उपयोग हर कोई आसानी से कर सकेगा।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय