प्लास्टिक क्षेत्र को पीएलआई योजना में शामिल करने की मांग

प्लास्टिक क्षेत्र को पीएलआई योजना में शामिल करने की मांग

प्लास्टिक क्षेत्र को पीएलआई योजना में शामिल करने की मांग
Modified Date: August 31, 2023 / 08:20 pm IST
Published Date: August 31, 2023 8:20 pm IST

कोलकाता, 31 अगस्त (भाषा) अखिल भारतीय प्लास्टिक विनिर्माता संघ (एआईपीएमए) ने क्षेत्र को रफ्तार देने के लिए प्लास्टिक की वस्तुओं पर आयात शुल्क में संशोधन करने और क्षेत्र को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में शामिल करने की मांग की है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष मयूर डी शाह ने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्लास्टिक उद्योग के भीतर ‘मेक इन इंडिया’ पहल की गति को बढ़ावा देने के लिए ये उपाय आवश्यक हैं।

शहर में प्लास्टिक उद्योग के विकास के लिए छठे प्रौद्योगिकी सम्मेलन के मौके पर शाह ने कहा, ‘‘एआईपीएमए के व्यापक अध्ययन से पता चला है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 37,500 करोड़ रुपये के प्लास्टिक के सामान का आयात किया गया था, जिसमें चीन की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत थी।’’

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भारतीय प्लास्टिक उद्योग में 15 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ है और इसमें लगभग 50,000 उद्यम शामिल हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत लघु और सूक्ष्म-उद्यम श्रेणी में आते हैं। भारत का प्लास्टिक निर्यात लगभग 35,000 करोड़ रुपये सालाना का है।

शाह ने कहा कि उद्योग का कुल राजस्व वर्ष 2027 तक 3.85 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनीष चड्ढा ने प्लास्टिक उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में नीति की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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