डेलॉयट ने ईवाई कर्मचारी की मौत के बाद तीन-सदस्यीय समीक्षा समिति बनाई

डेलॉयट ने ईवाई कर्मचारी की मौत के बाद तीन-सदस्यीय समीक्षा समिति बनाई

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  • Publish Date - September 20, 2024 / 07:55 PM IST,
    Updated On - September 20, 2024 / 07:55 PM IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) ऑडिट और परामर्श कंपनी डेलॉयट ने कर्मचारियों से संबंधित व्यवहार, नीतियों और प्रक्रियाओं पर गौर करने के लिए एक समिति बनाई है। कर सलाहकार फर्म ईवाई में कथित तौर पर काम के अत्यधिक दबाव की वजह से एक युवा कर्मचारी की मौत होने को लेकर सोशल मीडिया पर मचे विवाद के बीच कंपनी ने यह कदम उठाया है।

डेलॉयट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (दक्षिण एशिया) रोमल शेट्टी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस समिति में पूर्व राजस्व सचिव तरुण बजाज, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक सुबोध जायसवाल और एयरटेल के पूर्व प्रमुख मनोज कोहली शामिल हैं।

शेट्टी ने कहा कि डेलॉयट के भीतर काम के दबाव को संभालने और एक खुली कार्य संस्कृति रखने के लिए एक मुख्य खुशहाली अधिकारी मौजूद है। इसके अलावा संगठन के भीतर किसी भी खराब व्यवहार पर सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान है।

डेलॉयट दुनिया की चार प्रमुख वैश्विक कर सलाहकार कंपनियों में शामिल है। इन शीर्ष कंपनियों में ईवाई के अलावा पीडब्ल्यूसी और केपीएमजी हैं।

ईवाई में कार्यरत एक युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट की काम के अत्यधिक दबाव से मौत का आरोप उसकी मां ने लगाया है। इस मामले के जोर पकड़ने के बाद सरकार ने भी जांच शुरू कर दी है।

शेट्टी ने यहां पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा, ‘इस बच्ची की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और बहुत दुखद है। हम ग्राहकों को सेवाएं देने के कारोबार में हैं और ग्राहक सेवा व्यवसाय में हमेशा एक समयसीमा होगी। इससे सभी तरह के दबाव होते हैं।’

वर्ष 2023 में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की परीक्षा पास करने वालीं एना सेबेस्टियन पेरयिल ने इस साल चार महीने तक ईवाई के पुणे कार्यालय में काम किया और जुलाई के महीने में उनकी मृत्यु हो गई।

एना की मां की तरफ से ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे गए पत्र के मुताबिक, एक नए कर्मचारी के रूप में एना पर ‘बहुत ज़्यादा’ काम का बोझ था, जिसने उन्हें ‘शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से’ प्रभावित किया था।

शेट्टी ने 100-150 वर्ष पुराने संगठनों में किसी को परेशान करने की संस्कृति न होने की बात करने के साथ ही कहा कि इसके व्यक्तिगत स्तर पर उल्लंघन को नकारा भी नहीं जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘परेशान करने की संस्कृति आमतौर पर पेशेवर संगठनों में नहीं होती है। लेकिन क्या ऐसे व्यक्ति हैं जो कुछ खास चीजें करते हैं? हां, बिल्कुल… इसलिए सबसे पहले, मुझे लगता है कि एक संगठन के रूप में, आपको एक खुली संस्कृति की जरूरत है, ताकि कोई भी व्यक्ति उन मुद्दों को सामने लाने से न डरे।’

शेट्टी ने कहा कि एना सेबेस्टियन की दुखद मौत के बाद डेलॉयट ने शुक्रवार को तीन प्रतिष्ठित और स्वतंत्र लोगों का एक पैनल गठित किया है।

उन्होंने कहा, ‘पूर्व राजस्व सचिव तरुण बजाज, एयरटेल के पूर्व सीईओ मनोज कोहली और पूर्व सीबीआई निदेशक सुबोध जायसवाल का यह पैनल कर्मचारियों से संबंधित हमारे सभी तौर-तरीकों, नीतियों और प्रक्रियाओं पर गौर करेगा।’

शेट्टी ने कहा कि आज की दुनिया में विविधतापूर्ण कार्यबल होने से कामकाजी माहौल पर फिर से नजर डालने और तनाव को काबू में रखने के लिए इसे उपयुक्त बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर समस्या है और इससे निपटना एक चुनौती है।

उन्होंने कहा, ‘आज कार्यबल में शामिल होने वाले युवा अपने परिवारों को छोड़कर दूसरी एवं तीसरी श्रेणी के शहरों से आ रहे हैं। वे अपनी निजी जिंदगी में कुछ तनाव से गुजर रहे होंगे और इसके साथ उन्हें सख्त समयसीमा वाले ग्राहक सेवा व्यवसाय में काम के दबाव का भी सामना करना होता है।’

शेट्टी ने कहा, ‘युवा पीढ़ी मुझसे कहीं ज्यादा समझदार और बुद्धिमान है। कभी-कभी मुझे लगता है कि थोड़ा अधिक जुझारूपन उपयोगी होगा।’

डेलॉयट के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वह सीईओ के तौर पर अपने हरेक दफ्तर में जाकर एक खुला मंच संचालित करते हैं जहां लोग कोई भी सवाल पूछ सकते हैं।

शेट्टी ने कहा, ‘इसका मतलब है कि अगर आप अपने सीईओ से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं तो आप किसी वरिष्ठ व्यक्ति के पास जाकर कह सकते हैं कि मुझे यह पसंद नहीं है। क्या हम ऐसा माहौल बना सकते हैं, जहां लोग अपने काम से सहज महसूस करें क्योंकि कई बार आपको कार्यस्थल पर 14 घंटे भी बिताने पड़ते हैं।’

भाषा प्रेम रमण

रमण

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