नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) दिल्ली में इस बार सर्दियों में बिजली की अधिकतम मांग रिकॉर्ड 6,386 मेगावाट तक पहुंच सकती है। बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह कहा।
पिछले साल सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की अधिकतम मांग 5,816 मेगावाट रही थी।
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसलडीसी) दिल्ली के अनुमान के अनुसार, शहर में इस सर्दी में बिजली की अधिकतम मांग 6,300 मेगावाट से अधिक (6,386 मेगावाट) जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि इस साल गर्मियों में दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 8,686 मेगावाट तक गयी थी।
बीएसईएस के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि सर्दियों में अपने लगभग दो करोड़ बिजली उपभोक्ताओं (50 लाख से अधिक पंजीकृत ग्राहक) को बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक बिजली संयंत्रों से दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों के तहत कंपनी को पर्याप्त बिजली मिलेगी।
साथ ही वह इस बार सर्दियों में उपभोक्ताओं की कुल बिजली जरूरतों का 53 प्रतिशत हरित बिजली से पूरा करेगी। इसमें 840 मेगावाट सौर ऊर्जा, 546 मेगावाट पनबिजली, 500 मेगावाट पवन ऊर्जा और करीब 40 मेगावाट कचरे से बनने वाली बिजली शामिल है।
टाटा पावर-डीडीएल के प्रवक्ता ने कहा कि उसके क्षेत्र में इस सर्दी के मौसम में बिजली की अधिकतम मांग 1,840 मेगावाट के पार कर जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा, “हमने बिजली के लिए दीर्घकालीन समझौतों सहित मांग पूरी करने और कम तापमान व कोहरे की स्थितियों में उपकरणों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली हैं।”
प्रवक्ता ने कहा कि इसके अतिरिक्त हमने एहतियाती कदम उठाकर अपने बिजली नेटवर्क को सुदृढ़ किया है।
बीएसईएस ने कहा कि सर्दी के मौसम में उसकी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) के क्षेत्र में बिजली की मांग 2,682 मेगावाट और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) के क्षेत्र में 1,246 मेगावाट के आंकड़े को छू सकती है।
पिछले साल सर्दियों में बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 2,529 मेगावाट थी, जबकि बीवाईपीएल इलाके में मांग 1,210 मेगावाट थी।
भाषा अनुराग रमण
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