उच्च न्यायालय ने विमान हादसे में मारे गए पायलट के परिजनों के लिए मुआवजा राशि घटाई

उच्च न्यायालय ने विमान हादसे में मारे गए पायलट के परिजनों के लिए मुआवजा राशि घटाई

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  • Publish Date - October 24, 2024 / 10:00 PM IST,
    Updated On - October 24, 2024 / 10:00 PM IST

मुंबई, 24 अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एयर इंडिया चार्टर्स लिमिटेड को विमान हादसे में दिवंगत पायलट के परिजनों को मुआवजे के रूप में 4.63 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने वाले श्रम अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है।

इस पायलट की वर्ष 2010 में मंगलुरु हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की एकल पीठ ने 23 अक्टूबर के अपने फैसले में कहा है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस का स्वामित्व रखने वाली कंपनी एयर इंडिया चार्टर्स लिमिटेड को हादसे के समय के पायलट के वेतन को ध्यान में रखते हुए 3.32 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा।

पीठ ने कहा कि मुआवजे के तौर पर 4.63 करोड़ रुपये देने का पिछला आदेश विकृत है और इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

किफायती विमानन सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 विमान 22 मई, 2010 को मंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में पायलट ज़्लाटको ग्लुसिका (सर्बियाई नागरिक) समेत सभी 158 सवारियों की मौत हो गई थी।

ग्लुसिका के परिवार ने एयरलाइन से 7,45,580 अमेरिकी डॉलर के मुआवजे की मांग की थी। दावा किया गया था कि उस समय वह 11,000 अमेरिकी डॉलर प्रति माह कमा रहे थे। हालांकि, कंपनी ने कहा कि हादसे के समय उनका वेतन 9,170 अमेरिकी डॉलर था।

सितंबर, 2012 में एयर इंडिया चार्टर्स ने मुंबई में श्रम आयुक्त (कर्मचारी मुआवजा) के कार्यालय में 3.32 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कर दी थी। अक्टूबर 2013 में, कर्मचारी मुआवजा आयुक्त ने एयर इंडिया चार्टर्स को 7,45,580 अमेरिकी डॉलर यानी 4,63,37,797 रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।

इस आदेश के खिलाफ एयर इंडिया चार्टर्स ने उच्च न्यायालय में अपील की थी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय