हरियाणा को पराली दहन मुक्त राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कार्रवाई हो : मुख्य सचिव

हरियाणा को पराली दहन मुक्त राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कार्रवाई हो : मुख्य सचिव

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 09:38 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 09:38 PM IST

चंडीगढ़, 24 सितंबर (भाषा) हरियाणा के मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदेश को पराली दहन मुक्त राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कार्रवाई करने को कहा।

यहां एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘पराली जलाने और वायु गुणवत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभावों से निपटने के लिए हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता की दृढ़ता से पुष्टि करते हुए मुख्य सचिव प्रसाद ने उपायुक्तों से हरियाणा को पराली दहन मुक्त राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया।’’

प्रसाद फतेहाबाद, जींद, कैथल, अंबाला, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, हिसार, सोनीपत और यमुनानगर के मंडल आयुक्तों, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ एक वर्चुअल बैठक कर रहे थे।

प्रसाद ने ब्लॉक स्तर पर चार सदस्यीय समिति बनाने का निर्देश दिया, जिसमें एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, एक तहसीलदार और एक कृषि विकास अधिकारी भी शामिल होंगे, जो हॉटस्पॉट की पहचान करेंगे और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपायों को लागू करेंगे।

बयान में कहा गया है कि समिति को शाम पांच बजे तक निगरानी और समन्वय विभाग को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘मैं हर एक दिन स्थिति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करूंगा।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पराली जलाने का एक भी मामला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि धान की पराली दहन रोकने में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को उचित सम्मान दिया जाएगा।

मुख्य सचिव ने धान की पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

शीर्ष अधिकारी ने धान की पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी और रोकथाम के लिए रात्रि गश्त करने के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने किसानों को धान पराली दहन रोकने को प्रेरित करने के लिए आढ़तियों (कमीशन एजेंटों) को भी शामिल करने को कहा।

मुख्य सचिव ने फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के उपयोग को अनुकूलित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय