डेयरी संघ ‘संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल’ वाली अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करें : सरकार

डेयरी संघ ‘संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल’ वाली अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करें : सरकार

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 10:01 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 10:01 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि डेयरी संघों को दूध की खरीद बढ़ाने और किसानों को दी जाने वाली कीमत बढ़ाने पर ध्यान देने के अलावा चक्रीय यानी संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल की अर्थव्यवस्था पर भी काम करना चाहिए।

बुधवार को उद्योग जगत के अंशधारकों के साथ समीक्षा बैठक में पशुपालन और डेयरी सचिव अलका उपाध्याय ने कहा कि ‘चक्रीय अर्थव्यवस्था’ डेयरी क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी।

एक सरकारी बयान के अनुसार, उन्होंने, संघों को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के परामर्श से चक्रीय अर्थव्यवस्था के लाभ को प्राप्त करने में सक्रिय रूप से शामिल होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि देश में दूध की कुल स्थिति स्थिर है, जबकि देश में स्किम्ड मिल्क पाउडर, होल मिल्क पाउडर, सफेद मक्खन और घी का पर्याप्त स्टॉक भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, साल भर में दूध खरीद और खरीद कीमतों में सुधार हुआ है।’’

नवंबर, 2024 में दूध की थोक और खुदरा मुद्रास्फीति क्रमशः 2.09 और 2.85 दर्ज की गई।

सचिव ने सभी दुग्ध महासंघों से केंद्रीय योजनाओं.. मध्याह्न भोजन और एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करने को कहा।

एनडीडीबी ने चक्रीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से बायो-गैस उत्पादन के बारे में किए गए हस्तक्षेपों पर जानकारी साझा की।

दुग्ध महासंघों को दूध की खरीद बढ़ाने और भारत में दुग्ध उत्पादकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए संगठित क्षेत्र में अधिक दूध लाने के लिए सहकारी समितियों के गठन में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय