नई दिल्ली। EPFO ने पीएफ पर ब्याज दर घटाकर 8.1 करने का फैसला कर दिया है। ऐसे में जानें कि सालभर में उसके पीएफ डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की रकम में अब उसे कितना नुकसान होगा।
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अगर आपकी सैलरी 50,000 है तो बीते वित्त वर्ष 2020-21 में पीएफ पर मिलने वाली 8.5% की ब्याज दर के हिसाब से आपको अपनी कुल पीएफ जमा (1.29 लाख रुपये) पर 10,965 रुपये ब्याज आय होती। अब ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए इस ब्याज दर को घटाकर 8.1% कर दिया है। इस तरह अब आपकी ब्याज से आय 10,449 रुपये होगी। इस तरह सालभर में आपकी ब्याज से आय 516 रुपये घट जाएगी।
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एक कर्मचारी की सैलरी का 12% हिस्सा उसके पीएफ खाते में जमा किया जाता है। इस हिसाब से यदि किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो उसके पीएफ खाते में 6,000 रुपये हर महीने जमा होंगे।
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पीएफ खाते में कर्मचारी के नियोक्ता यानी कि एम्प्लॉयर को भी 12% का ही अंशदान करना होता है। लेकिन इसमें से 8.33% राशि कर्मचारी के पेंशन फंड में जाती है और बाकी 3.67% की राशि ही पीएफ खाते में जाती है। इस हिसाब से अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये है तो उसका एम्प्लॉयर उसके पीएफ खाते में 1,835 रुपये जमा करेगा।
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बाकी 4,165 रुपये उसके पेंशन खाते में जाने चाहिए। लेकिन कोई एम्प्लॉयर पेंशन खाते में अधिकतम 1,250 रुपये महीना ही जमा कर सकता है। इस हिसाब से बची हुई 2,915 रुपये की राशि भी कर्मचारी के पीएफ फंड में जाएगी। इस पर एम्प्लॉयर की ओर से उसके पीएफ खाते में हर महीने 4,750 रुपये जमा किए जाएंगे।
अब अगर आपकी सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो आपका और आपके एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन मिलाकर हर महीने आपके पीएफ खाते में 10,750 रुपये जमा होंगे। इस तरह सालभर में आपके पीएफ में खाते में कुल 1.29 लाख रुपये जमा हो जाएंगे।
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