अदालत ने रिलायंस इन्फ्रा के पक्ष में 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता फैसले को बरकरार रखा

अदालत ने रिलायंस इन्फ्रा के पक्ष में 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता फैसले को बरकरार रखा

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  • Publish Date - September 29, 2024 / 02:55 PM IST,
    Updated On - September 29, 2024 / 02:55 PM IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल स्थित दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता विवाद में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पक्ष में फैसले को बरकरार रखा है।

अनिल अंबानी के समूह की कंपनी ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी।

एक दशक से भी अधिक समय पहले रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3,750 करोड़ रुपये में 1,200 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने का ठेका मिला था।

विवादों और अन्य कारणों से परियोजना में देरी हुई, जिसके कारण डीवीसी ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर से हर्जाना मांगा। हालांकि, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इसे चुनौती दी और 2019 में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया और डीवीसी को कंपनी को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।

डीवीसी ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 27 सितंबर, 2024 को दामोदर घाटी निगम द्वारा धारा 34 के तहत 29 सितंबर, 2023 के मध्यस्थता फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में अपना फैसला सुनाया, रघुनाथपुर ताप-विद्युत संयंत्र के संबंध में है। इसमें ब्याज सहित लगभग 780 करोड़ रुपये की राशि जुड़ी है।”

कंपनी ने कहा कि अदालत ने “आवंटन-पूर्व ब्याज राहत और बैंक गारंटी पर ब्याज में कमी यानी 181 करोड़ रुपये की राशि को छोड़कर मध्यस्थता निर्णय को बरकरार रखा, जो अर्जित ब्याज सहित कुल 780 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जारी की जाएगी।”

रिलायंस इन्फ्रा ने कहा कि वह वर्तमान में फैसले की विस्तृत समीक्षा कर रही है और “कानूनी सलाह के आधार पर या तो फैसले को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगी या 27 सितंबर, 2024 के फैसले को चुनौती देगी।’’

भाषा अनुराग अजय

अजय