मुंबई, 18 दिसंबर (भाषा) भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने बुधवार को कहा कि उत्तर भारत और गुजरात में फसल के घटते रकबे की वजह से कम उत्पादन के चलते एक अक्टूबर से शुरू होने वाले 2024-25 के कपास सत्र में भारत का कपास निर्यात 36.53 प्रतिशत घटकर 18 लाख गांठ रहने की संभावना है।
सीएआई के आंकड़ों के अनुसार, कपास सत्र 2023-24 के दौरान कुल निर्यात 28.36 लाख गांठ रहा था।
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कपास निर्यात में कमी मुख्य रूप से इस साल रकबा कम रहने के बाद उत्पादन में आई गिरावट के कारण है। उत्तर भारत के कपास उत्पादक क्षेत्रों (पंजाब, हरियाणा और राजस्थान) में कपास की फसल का रकबा 35 प्रतिशत और गुजरात में 15 प्रतिशत कम हुआ है। इससे वैश्विक बाजारों की तुलना में कपास की कीमतें स्थिर रहेंगी।’’
कपास मौसम 2023-24 में कुल कपास की गांठ बनाने की संख्या 302.25 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले सत्र में 327.45 लाख गांठ बनी थी।
इस बीच, नवंबर 2024 के अंत तक कुल कपास की आपूर्ति 108.41 लाख गांठ होने का अनुमान है। इसके अलावा, सीएआई ने नवंबर के अंत तक कपास की खपत 54 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है, जबकि 30 नवंबर तक निर्यात खेप 170 किलोग्राम की चार लाख गांठ रहने का अनुमान है।
सीएआई ने कहा कि नवंबर के अंत में स्टॉक 50.41 लाख गांठ होने का अनुमान है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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